यदि चाचा ने चंदू को उकसा कर चिंटू का सर फोड़ने के लिए भेजा और चंदू ने बिल्कुल वैसा ही किया, लेकिन इलाज के दौरान चिंटू की मौत हो गई, तो चिंटू की मौत के लिए जिम्मेदार कौन होगा। चंदू? लेकिन उसने तो चाचा के कहने पर केवल सिर फोड़ा था, हत्या नहीं की थी। तो फिर क्या चाचा? लेकिन उन्होंने तो चंदू को सिर फोड़ना के लिए भेजा था, चंदू ने जोर से हमला किया, तो इसके लिए चाचा जिम्मेदार कैसे हो सकता है? आईए जानते हैं कि भारतीय न्याय संहिता में इस प्रकार के अपराध के लिए किसको जिम्मेदार माना गया है:-
BNS 2023 की धारा 53 क्या कहती है
“अगर कोई व्यक्ति किसी को किसी काम के लिए उकसाता है, और उस काम का नतीजा कुछ अलग निकलता है, लेकिन उकसाने वाले को पता था कि ऐसा नतीजा हो सकता है - तो वह व्यक्ति भी उसी परिणाम के लिए ज़िम्मेदार होगा, जैसे उसने शुरुआत से ही वह नतीजा लाने का इरादा किया हो।” यानी अगर उकसाने वाले को संभावित परिणाम (likely consequence) पता था, तो वह भी उतना ही दोषी होगा।
चाचा और चंदू में से कौन जिम्मेदार हुआ
चाचा ने चंदू को अपराध के लिए उकसाया (इसलिए अपराधी है)।
चंदू ने अपराध किया (इसलिए अपराधी है)।
चंदू के हमले के कारण चिंटू की मृत्यु हो गई यह एक्सीडेंट नहीं है इसलिए चंदू हत्या का दोषी है।
धारा 53 के अनुसार चाचा को पता था कि यदि किसी के सर पर जोर से हमला किया जाए तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है, फिर भी चाचा ने चंदू को, चिंटू के सिर पर हमला करने के लिए भेजा। इसलिए चाचा भी हत्या के अपराध के लिए बराबर का दोषी है।
✍️लेखक: राजेश्वरी बंदेवार, अधिवक्ता, भोपाल। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।