गर्मी के मौसम में सूर्योदय के समय योगा करना कितना अच्छा लगता है लेकिन जब भारत में पूरी गर्मी निकल जाती है और मानसून की बारिश शुरू हो जाती है तब 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। दुनिया को योग, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इवेंट और इसकी तारीख की 21 जून, सब कुछ भारत ने दिया है। सवाल उठता है कि भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून की तारीख ही निर्धारित क्यों की। क्या उनको इतनी भी अक्ल नहीं थी कि, 21 जून को मौसम बदल जाता है या फिर स्कूलों में कार्यक्रम करवा सकें इसलिए 21 जून की तारीख निर्धारित की गई, क्योंकि 15 जून को गर्मी की छुट्टी खत्म हो जाती है। चलिए पता लगाते हैं:-
21 June Summer Solstice 2025: कर्क संक्रांति का विज्ञान, महत्व और सांस्कृतिक उत्सव
खगोल विज्ञान के अनुसार, 21 जून को सूर्य कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर लंबवत चमकता है, जिसके कारण उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की ऊंचाई अधिकतम होती है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे लंबे और रातें सबसे छोटी होती हैं, जिसे summer solstice या कर्क संक्रांति कहा जाता है। यह खगोलीय घटना ग्रीष्म ऋतु (summer season) की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है। विश्व भर में इस दिन को विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सवों के साथ मनाया जाता है, जैसे भारत में योग दिवस (International Yoga Day), जो 21 जून को ही मनाया जाता है, क्योंकि यह दिन प्रकृति और मानव जीवन के बीच संतुलन का प्रतीक माना जाता है। उदाहरण के लिए, यूरोप में Midsummer उत्सव और स्टोनहेंज में सूर्योदय के दर्शन इस दिन की महत्ता को दर्शाते हैं।
Why Summer Solstice Happens: पृथ्वी का झुकाव, सूर्य की किरणें और मौसम का विज्ञान
कर्क संक्रांति का कारण पृथ्वी का अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुका होना है, जिसे axial tilt कहा जाता है। इस झुकाव के कारण 21 जून को सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध पर अधिक समय तक और अधिक तीव्रता के साथ पड़ती हैं, जिससे दिन लंबे और गर्म होते हैं। यह खगोलीय घटना मौसम परिवर्तन का आधार है, जो ग्रीष्म ऋतु को जन्म देती है। इसके विपरीत, 21 या 22 दिसंबर को winter solstice होता है, जब सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध पर सबसे कम समय के लिए और कम तीव्रता के साथ पड़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है।
यह झुकाव पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर अंडाकार कक्षा (elliptical orbit) के साथ मिलकर मौसमी चक्रों को नियंत्रित करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह axial tilt पृथ्वी के निर्माण के दौरान किसी बड़े खगोलीय पिंड के टकराव के कारण हुआ।