जबलपुर से हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश द्वारा एक महिला शिक्षक के अतिशेष शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत किया गया प्रशासकीय ट्रांसफर इसलिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि महिला शिक्षक ने स्वैच्छिक ट्रांसफर के लिए अप्लाई कर दिया है। अर्थात स्वैच्छिक ट्रांसफर के लिए अप्लाई करने वाले शिक्षक को संकुल प्राचार्य, अतिशेष मामले में रिलीव नहीं कर सकते, यदि वह ऐसा करते हैं तो उनके रिलीविंग ऑर्डर को हाई कोर्ट द्वारा स्टे किया जा सकता है।
श्रीमती रचना कोष्ठी बनाम स्कूल शिक्षा विभाग
श्रीमती रचना कोष्ठी, Primary Teacher, शासकीय प्राथमिक विद्यालय, जी.एन.एम.एस., कुसीवाड़ा, जिला नरसिंहपुर का अतिशेष Transfer दिनांक 04/10/2024 को हाई स्कूल, राखी, जिला नरसिंहपुर के लिए किया गया था। हालांकि, उनके अभ्यावेदन के आधार पर, श्रीमती कोष्ठी को कुसीवाड़ा से Relieved नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि School Education Department द्वारा Transfer Policy दिनांक 08/09/2022 के पालन हेतु, पूरक Transfer Policy दिनांक 03/05/2025 जारी की गई थी, जिसमें अतिशेष शिक्षकों को Voluntary Transfer की अनुमति दी गई थी। इस नीति के अनुसार, श्रीमती कोष्ठी ने 8 मई 2025 को Online Transfer Application जमा किया था और ग्वालियर जिले में दो स्थानों का चयन किया था।
20 मई 2025 तक Transfer Order जारी होना था, लेकिन आंतरिक कारणों से श्रीमती कोष्ठी का Voluntary Transfer Order जारी नहीं हो सका। अचानक, Cluster Principal द्वारा 06/06/2025 को श्रीमती कोष्ठी को अतिशेष Transfer के पालन हेतु Relieved कर दिया गया। यदि Transfer Order और Relieving Order का पालन किया जाता, तो Online Voluntary Transfer Application शून्य हो सकता था। अतः, श्रीमती कोष्ठी ने उच्च न्यायालय, जबलपुर में अतिशेष Transfer Order दिनांक 04/10/2024 और Relieving Order दिनांक 06/06/2025 को चुनौती दी।
श्रीमती कोष्ठी की ओर से उच्च न्यायालय, जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने सुनवाई के दौरान बताया कि अतिशेष Transfer के पालन से Online Voluntary Transfer शून्य हो जाएगा। चूंकि Voluntary Transfer Application के समय उनकी Posting Location कुसीवाड़ा, जिला नरसिंहपुर थी, इसलिए Transfer Order में यही स्थान उल्लिखित होगा। अतः, अतिशेष Transfer Order दिनांक 04/10/2024 और Relieving Order के पालन से Voluntary Transfer के बाद तकनीकी रूप से Relieving और Joining संभव नहीं होगी।
सुनवाई के पश्चात, उच्च न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि श्रीमती कोष्ठी के Online Voluntary Transfer Application की प्रक्रिया पूर्ण होने तक उन्हें Relieving Order के पालन हेतु बाध्य नहीं किया जाएगा और न ही उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्यवाही की जाएगी।