किसी भी प्रकार के विवाद में शासन की किसी एजेंसी द्वारा उसकी जांच की जाती है। शासकीय जांच (Departmental Inquiry or Police Inquiry) में दोषी (Guilty) पाए जाने पर Accused के खिलाफ सजा का निर्धारण करने के लिए कोर्ट में Chargesheet पेश की जाती है। फिर court में दोनों Sides की सुनवाई होती है और अंत में निर्णय, लेकिन क्या Chargesheet पेश होते ही कोई T court, आरोपी व्यक्ति को दोष मुक्त घोषित कर सकता है। आइए जानते हैं:-
BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA, 2023 की धारा 250 की परिभाषा
Session court के Judge द्वारा किसी मामले के अभिलेख (Record) एवं Documents पर विचार कर लेने पर यह लगता है कि पीड़ित व्यक्ति द्वारा Accused के विरुद्ध कार्यवाही आगे करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है तब न्यायालय आरोपी को दोषमुक्त (Absolve) कर देगा एवं दोषमुक्ति (Acquittal) के सभी कारणों को लेखबद्ध (Documented) करेगा।
उदाहरणानुसार वाद:- रामदेव बनाम राज्यस्थान राज्य
उक्त मामले में न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया कि CrPC की धारा 227 (BNSS की धारा 250 होगी) को ध्यान में रखते हुए किसी आरोपी को दोषमुक्त किये जाने का आदेश पारित करने से पहले न्यायालय को मामले के अभिलेखों एवं दस्तावेजो पर विचार कर लेना चाहिए।
यदि इस प्रक्रम पर न्यायिक विवेक से काम नहीं लिया जाता तो आरोपी को विचारण की यातना झेलनी पड़ेगी इसलिए आरोप तैयार करने वाले न्यायालय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 227 (BNSS की धारा 250 होगी) के नियमोँ का अनुसरण करना चाहिए। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।