Sessions Court अर्थात सत्र न्यायालय में किसी Crime के आरोप (Charge) का मामला तब सुनवाई के योग्य होता है जब कोई पुलिस रिपोर्ट या कोई शिकायत की जाँच Chief judicial magistrate द्वारा की जाती है। कोई भी Crime के आरोपों का Trial डायरेक्ट परिवादी की शिकायत (Complaint) पर सत्र न्यायालय (sessions court) नहीं करेगा जब तक कोई मामला उसे Judicial Magistrate द्वारा नहीं सौपा गया हो। sessions court किसी Crime के आरोप का विचारण कैसे प्रारंभ करता है, आइए जानते हैं:-
BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA, 2023 की धारा 249 की परिभाषा
अभियोजन के मामले के कथन का आरम्भ (Opening case for Prosecution)-
जब कोई मामला किसी मुख्य Judicial Magistrate द्वारा sessions court को सौंपा जाता है तब Advocate अपने मामले का statement, आरोपी (accused) के विरुद्ध (against) लगाए गए आरोपों का वर्णन (Description) करते हुए यह बताते हुए आरंभ करेगा कि वह accused के दोष को किस साक्ष्य (Evidence) से साबित (prove) करने की प्रस्थापना (proposition) करता है।
अर्थात sessions court की प्रारंभिक कार्यवाही में पीड़ित व्यक्ति का Advocate (निजी अधिवक्ता या शासकीय अधिवक्ता कोई भी) सबसे पहले आरोपी के खिलाफ दोष सिद्धि साबित करने के लिए अपना पक्ष देता है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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