Exciting research - ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना कब प्रारंभ की थी, NASA के DATA से पता चला

भारत के पौराणिक ग्रंथो में यह उल्लेख मिलता है कि सृष्टि की रचना ब्रह्मा जी ने की परंतु इस प्रोजेक्ट पर उन्होंने कब से काम शुरू किया और कब तक किया, सृष्टि की रचना का प्रोजेक्ट कितने समय में पूरा हुआ, इसकी सटीक जानकारी नहीं मिलती। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA के DATA में इस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया है। 

भारत के प्राचीन ग्रंथ और NASA के आंकड़ों में समानताएं

वैज्ञानिक कहते हैं कि पृथ्वी की उत्पत्ति 4.54 अरब वर्ष पहले हुई थी। भारत के प्राचीन ग्रंथ भी इसका समर्थन करते हैं लेकिन इसके आगे यह भी बताते हैं कि, प्रलय के कारण पृथ्वी पानी में डूब गई थी। भगवान श्री हरि विष्णु ने वराह अवतार लिया और पृथ्वी को जल से ऊपर निकाला। इस प्रकार भारत के पौराणिक ग्रंथो के अनुसार लगभग 2 अरब वर्ष पहले (मन्वंतर के आधार पर गणना की गई है) वह पृथ्वी अस्तित्व में आई जिस पर आज हमारा जीवन है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि, लंबे समय तक पृथ्वी पर जीवन नहीं था। 

अब यदि NASA के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर (NASA Goddard Space Flight Center) के senior scientist वेइजिया कुआंग की लेटेस्ट रिसर्च रिपोर्ट की बात करें, जो Live Science पत्रिका में प्रकाशित हुई है, तो भारत के प्राचीन ग्रंथो में जिन घटनाओं का उल्लेख किया गया है, उसका समय वेइजिया कुआंग की रिसर्च रिपोर्ट से प्रमाणित हो जाता है। Study के मुताबिक, कैम्ब्रियन काल (Cambrian period, 541 मिलियन से 485.4 मिलियन वर्ष पहले) से दोनों factors (geomagnetic field और oxygen level) लगभग एक साथ बढ़े हैं, और 33 करोड़ से 22 करोड़ वर्ष पहले इनमें significant spike (महत्वपूर्ण उछाल) देखा गया।

ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना की पूरी प्रक्रिया, with time calculation

अर्थात 54 करोड़ साल पहले ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की। सबसे पहले प्रलय के कारण जो तकनीकी गड़बड़ी (geomagnetic field और oxygen level balance) आ गई थी, उसे ठीक किया गया। फिर जीवन प्रारंभ हुआ। इसके बाद उन्होंने कई तरह के प्रयोग (डायनासोर इत्यादि) किए गए। इस प्रक्रिया में 21 करोड़ साल खर्च हुए। इसके बाद 10 करोड़ साल तक (33 करोड़ से 22 करोड़ वर्ष पहले तक) ब्रह्मा जी लगातार सृष्टि की रचना करते चले गए। सबसे पहले उन्होंने कीट आदि पैदा किए फिर पेड़ पौधे, इसके बाद अंडे से पैदा होने वाले पक्षी, सरीसृप फिर गर्भ से पैदा होने वाले पशु और सबसे अंत में गर्व से पैदा होने वाले मनुष्यों का सृजन किया। सृष्टि के विस्तार के लिए उन्होंने डेवलपमेंट ऑफिसर जिन्हें भारतीय प्राचीन ग्रंथो में प्रजापति (दक्ष, कश्यप आदि) कहा गया है, को नियुक्त किया। जिन्होंने विभिन्न जीवों और मानव जाति की वंश वृद्धि की। 

ब्रह्मा जी को सृष्टि की रचना करने में कितना समय लगा

पृथ्वी के कैलेंडर के हिसाब से यह पूरा प्रोजेक्ट 10 करोड़ साल तक चला। सबसे अंत में माता सरस्वती ने वसंत पंचमी के दिन सृष्टि में रंग भरे। यह ध्यान देना होगा कि 10 करोड़ वर्ष का समय, पृथ्वी की गणना के हिसाब से है। जबकि ब्रह्मा जी का एक दिन 4.32 अरब वर्ष का होता है। अर्थात ब्रह्मा जी को पूरी सृष्टि की रचना (रिसर्च एंड डेवलपमेंट, फाइनल टेस्टिंग और डिलीवरी) करने में आधे दिन का समय लगा।

जैसे ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, वैज्ञानिक भी कर सकते हैं

आज भी ब्रह्मांड के कई अध्ययनों में पता चलता है कि, कई ग्रहों पर जीवन नहीं है लेकिन जीवन की संभावना मौजूद है। कोई आश्चर्य नहीं होगा कि, आज से 10 हजार साल बाद, 10 लाख साल बाद या 10 करोड़ साल बाद NASA, ISRO या किसी दूसरे एजेंसी के वैज्ञानिक ऐसे किसी ग्रह तक जाएंगे एवं वहां पर geomagnetic field और oxygen level बैलेंस करने में सफल हो जाएंगे। इस प्रकार प्रोजेक्ट को लीड करने वाले वैज्ञानिक बिल्कुल वैसे ही भूमिका में रहेंगे, जैसी पृथ्वी के लिए ब्रह्मा की है और एजेंसी के चेयरमैन, उस ग्रह के श्री हरि विष्णु होंगे। संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। एक लाख साल पहले हमारे पास पैराशूट तक नहीं था। आज हम प्रकाश की गति से अंतरिक्ष में यात्रा कर सकते हैं। ✒ उपदेश अवस्थी। Notice: this is the copyright protected content. Please do not try to copy any part, sentence or calculation of this page.

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