भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) ने अब जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenAI) के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इसे Civilizational shift बताया है। स्वाभाविक है कि इसके कारण सब कुछ बदल जाएगा। कंपनी की सभ्यता बदल जाएगी। इसका सीधा असर कंपनी के शेयर होल्डर्स, कंपनी के कर्मचारी और टीसीएस में वैकेंसी का इंतजार कर रहे हैं बेरोजगारों पर पड़ेगा।
TCS में civilizational shift: Chandrasekaran
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में साफ किया है कि GenAI केवल एक और तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि एक "सभ्यतागत परिवर्तन (civilizational shift)" है, जिससे हर उद्योग को लाभ मिलेगा। 27 मई को प्रकाशित TCS की वार्षिक रिपोर्ट में चंद्रशेखरन ने बताया कि कंपनी अब एक ऐसा मॉडल विकसित करेगी, जिसमें AI एजेंट्स (AI agents) इंसानी कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। इसे “ह्यूमन-AI मॉडल” कहा गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी अब AI डाटा सेंटर्स, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, और AI स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी पर जोर देगी।
TCS AI WisdomNext: नया GenAI प्लेटफॉर्म
TCS ने ‘TCS Wisdomnext’ नामक एक नया एंटरप्राइज ग्रेड GenAI प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जो व्यापारिक जरूरतों के अनुसार AI समाधान देने में सक्षम होगा।
TCS VACANCY - नई नियुक्तियों की प्रक्रिया बदल गई
कंपनी के CEO और MD के. कृतिवासन ने बताया कि अब ग्राहक केवल “यूज़ केस” नहीं, बल्कि ROI (return on investment) आधारित AI समाधानों की मांग कर रहे हैं। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए TCS ने AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, AI लैब्स, और 150 से अधिक डोमेन-विशिष्ट AI एजेंट्स की शुरुआत की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरती सुब्रमणियन को COO और मंगेश साठे को Chief Strategy Officer नियुक्त किया गया है – और यह नियुक्तियां AI आधारित बदलावों को ध्यान में रखकर की गई हैं।
TCS कंपनी में क्या कर्मचारियों को नौकरी से निकल जाएगा
TCS के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि AI से नौकरियों में कटौती नहीं होगी, लेकिन काम का स्वरूप जरूर बदलेगा। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में IT सेक्टर की हायरिंग में गिरावट देखी गई है, जो आंशिक रूप से COVID के बाद के ऑटोमेशन और AI के बढ़ते उपयोग का परिणाम है। 6.07 लाख कर्मचारियों वाली कंपनी ने दावा किया है कि वर्ष 2025 तक उसके पास भारत की सबसे बड़ी AI प्रशिक्षित वर्कफोर्स (AI-trained workforce) होगी।
What will happen to TCS shareholders
AI को लेकर यह बड़ा ऐलान आने के बावजूद 28 मई को कंपनी का शेयर ₹3,520 पर खुलने के बाद ₹2.80 यानी 0.08% गिरकर ₹3,495.90 पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों में नई तकनीक को लेकर थोड़ी सतर्कता देखने को मिली, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से यह फैसला लाभदायक साबित हो सकता है।
मुद्दे की बात-सीधी सपाट
- अध्यक्ष महोदय ने स्पष्ट कर दिया है कि, AI agents इंसानी कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। यानी कंपनी की कार्य क्षमता दूर नहीं हो जाएगी। जबकि कंपनी के पास काम दोगुना नहीं होगा। ऐसी स्थिति में AI agents और इंसानी कर्मचारियों के बीच में झगड़ा होगा और इतिहास गवाह है। तकनीक के साथ जब-जब civilizational shift हुआ तब तक पुराने और वफादार कर्मचारी को बड़े पैमाने पर बेरोजगार होना पड़ा।
- कंपनी ने स्पष्ट किया कि हम किसी कर्मचारी को नहीं निकालेंगे लेकिन AI के सामने टिके रहना कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। बात बहुत क्लियर है, कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी नहीं होगी लेकिन हालात ऐसे हो जाएंगे कि कर्मचारी गुस्से में आकर नौकरी छोड़ देंगे।
- अब जबकि AI agents काम करेंगे तो फिर इंसानों के लिए न्यू वैकेंसी भी बहुत कम रह जाएंगे। टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज का वर्किंग कल्चर जिस प्रकार का है, एक अनुमान लगाया जा सकता है कि AI agents के बाद 50% कर्मचारियों के सामने सर्वाइवल का चैलेंज आ जाएगा।
- कंपनी के शेयर्स पर इसका क्या असर पड़ेगा यह तो भविष्य ही बताया परंतु इस समाचार के साथ कंपनी के शेयर होल्डर्स थोड़े से सहम गए थे।
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