BNS 55, IPC 115 - यदि दुष्प्रेरण हो परंतु अपराध घटित ना हो तो दुष्प्रेरण के आरोपी को सजा मिलेगी या नहीं

Legal general knowledge and law study notes 

अगर कोई व्यक्ति किसी को हत्या करने के लिए उकसाता है और वह व्यक्ति हत्या नहीं करता है या हत्या के स्थान पर सिर्फ चोट ही पहुंचाता है तब उकसाने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी या माफी जानिए।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 55, भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 115 की परिभाषा 

जो कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास से दण्डित अपराध के लिए उकसाता है और उकसाने वाला व्यक्ति अपराध नहीं करता है तब ऐसे दुष्प्रेरक को अधिकतम सात वर्ष की कठोर या सादे कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है एवं यह अजमानतीय अपराध होते है।

अगर कोई व्यक्ति उकसाहट में अगर कोई चोट कर देता है तब उसे 14 वर्षो की कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जाएगा एवं यह भी अजमानतीय अपराध होता है।

उदहारण अनुसार:-
H,को Y, हत्या करने के लिए उकसाता है और H, हत्या नहीं करता है तब Y, सात वर्ष के कारावास एवं जुर्माने से दण्डित होगा। यदि H, हत्या करते समय सिर्फ चोट पहुंचाता है तो Y, को 15 वर्षो की कारावास और जुर्माने से दण्डित होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद), इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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