Legal general knowledge and law study notes
डर, भय, सदमा ये तीनों एक दूसरे के समान रूप होते हैं। अगर किसी व्यक्ति के दिमाग में इनका प्रवेश हो जाए तो व्यक्ति समय से पहले या तो पागल हो जाए या मर भी सकता है। अगर कोई डॉक्टर किसी व्यक्ति से बोल दे कि दो दिन बाद तेरी मृत्यु निश्चित है तब व्यक्ति सुनकर अटैक से दो दिन पहले भी मर सकता है। फांसी की सजा होने वाले कैदियों को पहले ही बता दिया जाए की उन्हें फांसी होने वाली है और अपराधी को मानसिक क्षति होती है तब क्या सूचना देने वाला व्यक्ति मानसिक क्षति का दोषी होगा जानिए।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 31, भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 93 की परिभाषा
किसी व्यक्ति को सावधानीपूर्वक दी गई ऐसी सूचना जो भविष्य में उसे गंभीर बीमारी से मृत्यु तक ले जा सकती है, यह सूचना मिलते ही व्यक्ति को किसी भी प्रकार की अपहानि होती है तब सूचना देने वाला व्यक्ति IPC की धारा 93 एवं BNS की धारा 31 के अनुसार अपहानि का जिम्मेदार नहीं होगा।
The Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 section 31, Indian Penal Code, 1860 section 93 Punishment
महत्वपूर्ण निर्णय:- श्रीमान "क्ष, बनाम वाय अस्पता मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया कि अगर डाक्टर द्वारा किसी मरीज के रोग के बारे मे उसे बता दिया जाता है और इससे मरीज़ को कोई क्षति होती है तो डाक्टर इसका दोषी नहीं होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 , इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com