IPC 295 क - द्वेषपूर्ण भावना से किसी धर्म को ठेस पहुंचाना, कितना गंभीर अपराध, पढ़िए, legal advice

Legal general knowledge and law study notes

द्वेषपूर्ण अर्थात किसी के प्रति भेदभाव करना या किसी से बदला लेना या लेने की सोचना द्वेषपूर्ण होता है। अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य धर्म या समुदाय के व्यक्ति से बदला लेने के उद्देश्य से उसके धर्म या धार्मिक स्थल को ठेस पहुचाता है, तो यह एक गंभीर अपराध हो सकता है जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 295(क) की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति व्यक्ति किसी धर्म या धार्मिक स्थल की द्वेषपूर्ण भावना से जानबूझकर मौखिक, लिखित, या चिन्हों के माध्यम से अपमान करेगा या ठेस पहुंचाएगा तब यह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 295(क) के अंतर्गत अपराध होगा।

Indian Penal Code, 1860 section 295a Punishment

इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय होते हैं। इनकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 , इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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