Madhya Pradesh legal general knowledge and law study notes
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम, 1982 की धारा 36(ख) के अंतर्गत बताया गया है कि जो कोई व्यक्ति लोक अधिकारी होते हुए एसी संपत्ति अर्जित करता है या आपने पास रखता है जिसका वह स्वयं हिसाब किताब, लेखा जोखा नहीं दे सकता है और वह संपत्ति उसकी आय से अधिक है तब एसा अधिकारी उक्त धारा के अंतर्गत अपराध का दोषी होगा इसके लिए दोषी व्यक्ति को अधिकतम सात वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है।
अवैध रूप से कमाई संपत्ति का क्या होगा जानिए
अगर कोई व्यक्ति लोकसेवक होते हुए अवैध प्रकार से संपत्ति की कमाई कर लेता है और उस अवैध या काली कमाई की संपत्ति से महल बना लेता है तब उसका महल, मकान या जो भी भूमि उसने खरीदी है वह सब कुर्की होगी उसके पास अवैध कमाई की संपत्ति कुछ नहीं बचेगी जानिए।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम, 1982 की धारा 36(ग) की परिभाषा
▪︎ जब किसी जिला कलेक्टर को इस बात का समाधान हो जाता है कि किसी अधिकारी ने अवैध साधनों द्वारा संपत्ति को अर्जित किया है तब कलेक्टर के आदेश पर अवैध संपत्ति कुर्की की जा सकती है।
▪︎ कलेक्टर चाहे तो उस अवैध संपत्ति की देख रेख के लिए एक रिसीवर की भी नियुक्ति कर सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com