Legal general knowledge and law study notes
जब कोई व्यक्ति किसी कम्पनी का मालिक नहीं होता है और किसी ओर की कम्पनी को स्वयं की बता देता है या किसी फर्जी दस्तावेज दे कर फर्मो का रजिस्ट्रीकरण करवा लेता है। बहुत से स्थानों पर ऐसा होता है टेक्स से बचने के लिए व्यक्ति कम्पनी के रजिस्ट्रेशन का सहारा लेता है, ऐसे में भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत धोखाधड़ी का मामला तो दर्ज होता ही है पर मध्यप्रदेश में ऐसे अपराध के लिए एक विशेष कानून के अंतर्गत मामला दर्ज होगा जानिए।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण अधिनियम,1982 की धारा 20 की परिभाषा
जो कोई विक्रय टेक्स से बचने के लिए झूठी कम्पनी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करेगा या झूठा, अस्तित्वहीन फर्म का उपयोग करेगा या किसी अन्य के फर्म को स्वयं का बताएगा तब ऐसे व्यक्ति पर उपर्युक्त अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत कार्रवाई होगी।
Madhya Pradesh Specified Corrupt Practices Act, 1982 Section 20 Punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है, पुलिस अधिकारी तुरंत एफआईआर द्वारा मामले का संज्ञान लेगा, इनका विचारण किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट या सेशन कोर्ट द्वारा किया जा सकता है सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माने या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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