कर्मचारियों की सहमति के बिना जबरदस्ती उच्च पद का प्रभार मामले हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश, भोपाल ने फैसला किया है कि हाई स्कूल प्राचार्य से हायर सेकेंडरी स्कूल प्राचार्य के पद पर और व्याख्याता से हाई स्कूल प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किए गए लोक सेवकों से उनकी नवीन पदस्थापना के संबंध में सहमति प्राप्त की जाएगी और यदि वह सहमत नहीं होते हैं तो उन्हें काउंसलिंग की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
संचालक लोक शिक्षण मध्यप्रदेश श्री केके द्विवेदी द्वारा इस बारे में विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम जारी पत्र में उन्होंने लिखा है कि जिन व्याख्याता एवं हाई स्कूल प्राचार्य के आदेश जारी हो गए हैं वे 10 अगस्त दोपहर 2:00 बजे तक अपने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होंगे एवं अपनी सहमति अथवा असहमति प्रस्तुत करेंगे। जो कर्मचारी निर्धारित तारीख एवं समय पर उपस्थित नहीं होंगे और असहमति प्रस्तुत नहीं करेंगे, माना जाएगा कि वह अपनी नवीन पदस्थापना से सहमत हैं।
दिनांक 10 अगस्त को ही शाम 5:00 बजे तक विमर्श पोर्टल पर डाटा एंट्री कर दी जाएगी इसके बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 13 अगस्त को काउंसलिंग होगी।
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