HINDI NEWS- प्राथमिक शिक्षक पद के लिए BEd की डिग्री अमान्य, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने BEd और BTC मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि बीएड डिग्री के आधार पर अब प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती। केंद्र सरकार द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ये फैसला सुनाया। इस दौरान राजस्थान हाई कोर्ट के पुराने फैसले को सही करार दिया है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान BEd डिग्री वाले उम्मीदवारों की प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, इस प्रकार की नियुक्ति अमान्य है।

BEd डिग्री वालों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी

दरअसल राजस्थान सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक भर्ती निकाली थी, जिसमें सरकार द्वारा बीएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। सरकार के फैसले के विरुद्ध B.Ed अभ्यर्थियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की परंतु राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले को सही ठहराया गया। राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जहां आज न्यायमूर्ति अनिरुद्ध कुमार बोस की अध्यक्षता वाली बेंच ने राजस्थान सरकार की इस पॉलिसी को सही ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है।

2018 से शुरू हुआ था मुद्दा

यह पूरा विवाद वर्ष 2018 के NCTE के एक नोटिफिकेशन के बाद शुरू हुआ था। इस नोटिफिकेशन के आधार पर BEd अभ्यर्थियों को REET लेवल वन की परीक्षा के लिए केवल इस शर्त पर योग्य माना गया था कि यदि वह परीक्षा में पास होते हैं तो चयनित अभ्यर्थियों को 6 महीने का एक ब्रिज कोर्स करना होगा। इस फैसले के पक्ष और विपक्ष में राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा याचिका दायर की गई जिस पर उसे समय कोई फैसला नहीं आ पाया।

वर्ष 2021 में NCTE द्वारा एक बार फिर REET का नोटिफिकेशन जारी किया गया लेकिन सरकार ने इस बार B.Ed डिग्रीधारी को केवल इस शर्त पर एग्जाम देने दिया कि यदि कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में नहीं आता है तो उन्हें यह मान्य करना होगा। सितंबर 2022 में एग्जाम होने के बाद BTC के अभ्यर्थियों ने इस बात का विरोध करना शुरू किया और मामला राजस्थान के हाईकोर्ट में पहुंच गया। इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने फैसला बीटीसी के पक्ष में दिया। इसके बाद B.Ed डिग्रीधारियों द्वारा हाई कोर्ट के फैसले के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की जहां आज कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सही ठहराते हुए अपना फैसला जारी किया है।

क्या है पूरा मामला

शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार तथा एनसीपीई की याचिका खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। अब इस फैसले के बाद सिर्फ BTC डिप्लोमा धारक ही प्राथमिक विद्यालय में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 के लिए पात्र होंगे। बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने BEd डिग्रीधारियों को प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से लेकर पांच तक पात्र मानने वाले नोटिफिकेशन को रद्द किया था। 

अब उस फैसले को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी इसपर मुहर लगा दी है। B.Ed vs BTC मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला जारी कर दिया है। अपने फैसले में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा दी गई दलीलों और उनके आधार पर किए गए फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए केवल B.Ed होने की सूरत में अभ्यर्थी को अयोग्य  घोषित कर दिया जाएगा। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य करने के लिए अब BTC/DElEd  करना अनिवार्य होगा। 

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