Legal general knowledge and law study notes
किसी भी कंपनी अर्थात फर्मो के रजिस्ट्रेशन के लिए पर्याप्त दस्तावेज होना आवश्यक होता है। अगर कोई फर्जी दस्तावेजों द्वारा किसी कम्पनी का रजिस्ट्रेशन करवा लेता है, तो ऐसे व्यक्ति पर मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण अधिनियम,1982 की धारा 20 के अंतर्गत अपराध दर्ज होगा लेकिन अगर कम्पनी के रजिस्ट्रेशन करने वाले अधिकारी को पता है कि दस्तावेज फर्जी है, उसके बाद भी वह रजिस्ट्रेशन कर देता है तब ऐसे अधिकारी पर क्या कार्यवाही होगी जानिए।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 की धारा 21 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति अधिकारी होते हुए सम्पूर्ण जाँच किए बिना या यह जानते हुए की कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए लगाएं गए दस्तावेज झूठे एवं मिथ्या है और किसी फर्म का रजिस्ट्रेशन कर देता है तब वह व्यक्ति उपर्युक्त अधिनियम की धारा 21 के अंतर्गत दोषी होगा।
Madhya Pradesh Specified Corrupt Practices Prevention Act, 1982 Section 21 Punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है,पुलिस अधिकारी तुरंत एफआईआर द्वारा मामले का संज्ञान लेगा, इनका विचारण किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट या सेशन कोर्ट द्वारा किया जा सकता है सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माने या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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