Article 34- मार्शल लॉ के दौरान मौलिक अधिकारों के हनन की क्षतिपूर्ति का प्रावधान

जब किसी स्थान पर अत्यंत विकट स्थिति बन जाती है और उस स्थान पर सेना विधि अर्थात मार्शल लॉ लागू हो जाता है। तब सेना का अनुशासन लागू हो जाता है एवं आम नागरिकों के मौलिक अधिकार भी समाप्त हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में नागरिकों के मौलिक अधिकार समाप्त हो जाने के कारण उन्हें जो क्षति होगी उसकी भरपाई कौन करेगा, जानिए।

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 34 की परिभाषा

जिस केंद्र या राज्य क्षेत्र में सेना विधि लागू थी तब आम व्यक्ति के मौलिक अधिकार की समाप्ति पर भारत की संसद विधि बनाकर क्षतिपूर्ति की भरपाई करेगी :-

1. ऐसा नागरिक जिसने संघ या राज्य की सेवाओं में सेना विधि के दौरान मदद की हो, अर्थात व्यवस्था कार्य किया गया हो।
2. या ऐसे किसी व्यक्ति को जिसने निस्वार्थ भाव से संघ या राज्य की सेवा की है और सेना विधि के द्वारा उसे दण्डित किया गया हो और उसके मौलिक अधिकारों पर अतिक्रमण हुआ हो।

नोट:- भारत की संसद मौलिक अधिकारों की क्षतिपूर्ति का लाभ सेना विधि की समय सीमा समाप्त होने के बाद ही देगी। जब तक मार्शल लॉ लागू रहेगा तब तक किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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