spreading rumors through newspapers is an offense of defamation or not, judgment of the Supreme
मानहानि का अपराध एक प्रकार का असंज्ञेय अपराध होता है जिसके अंतर्गत व्यक्ति को अधिकतम दो वर्षों तक की कारावास हो सकती है। डिस्कसन बनाम होल्डन वाद में न्यायालय द्वारा कहा गया है कि एक व्यक्ति की ख्याति (इज्जत) को उसकी संपत्ति माना जाता है।
कुछ मामलों की अगर हम बात करें तो व्यक्ति की इज्जत, संपत्ति से भी अधिक महत्वपूर्ण होती है। कोई व्यक्ति अगर इज्जत या मान-सम्मान पर झूठा आरोप लगाता है तो यह एक मानहानि का अपराध होता है। अब सवाल यह है कि कोई समाचार पत्र अफवाह वाली खबर किसी व्यक्ति के बारे में छाप देता है तो यह मानहानि का अपराध होगा या नहीं जानिए महत्वपूर्ण निर्णय।
डी. पी. चौधरी बनाम मंजूलता (AIR) 1997:-
उपरोक्त मामले में एक समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित किया गया कि मंजूलता रात में एक लड़के के साथ भाग गई हैं। यह खबर झूठी थी तथा इस खबर का व्यक्ति से कोई संबंध ही नहीं था।
इस समाचार ने मंजूलता की शादी की संभावनाओं को प्रभावित किया और समाज में उसकी मान मर्यादा की हानि हुई। न्यायालय ने प्रतिवादियों को ऐसे कथनों को छापने के लिए मानहानि के लिए दोषी ठहराया। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com