MP NEWS- यह दोनों अधिकारी तो चपरासी बनने लायक भी नहीं है, हाईकोर्ट ने कलेक्टर को तलब किया

Madhya Pradesh State Mining Corporation Limited news

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में डबल बेंच ने खनिज विभाग के क्षेत्रीय निदेशक संतोष कुमार पटेल व खनिज अधिकारी दिनेश दुदवे को फटकार ते हुए कहा कि यह दोनों तो चपरासी बनने लायक भी नहीं है। जब तक सेवा पानी नहीं मिलेगी तब तक हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करेंगे। इनकी आदतें खराब हो गई है। ऐसे अधिकारियों को ठीक करना होगा। हाईकोर्ट ने भिंड के कलेक्टर को तलब कर दिया है। दोनों अधिकारियों को उच्च न्यायालय की अवमानना का नोटिस दिया गया है और इसकी जानकारी महाधिवक्ता को भी दी गई है। 

रवी मोहन त्रिवेदी बनाम खनिज विभाग भिंड मामले का विवरण

दरअसल वर्ष 2014 में श्री रवि मोहन त्रिवेदी ने भिंड जिले में 1 लाख 94 हजार 516 क्यूबिक मीटर रेत का भंडारण किया था। इस रेंज को जिला प्रशासन ने सीज कर दिया था जबकि श्री त्रिवेदी को रेत के भंडार की अनुमति थी। जब मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पहुंचा तो न्यायिक मजिस्ट्रेट ने रेत को रिलीज करने का आदेश दिया। इसके बाद कलेक्टर ने रेत को रिलीज करने का आदेश 20 दिसंबर 2022 को जारी कर दिया था, लेकिन खनिज विभाग ने रेत परिवहन का परमिट नहीं दिया। इसके चलते रेत को नहीं उठा सके। 

हाईकोर्ट ने भिंड कलेक्टर को तलब किया

इसको लेकर श्री रवि मोहन त्रिवेदी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने क्षेत्रीय निदेशक संतोष कुमार पटेल व खनिज अधिकारी दिनेश दुदवे को तलब कर लिया। संतोष कुमार पटेल व दिनेश दुदवे हाई कोर्ट में उपस्थित हुए। दोनों को फटकार लगाते कहा कि कोर्ट का आदेश का पालन क्यों नहीं किया। रेत परिवहन का परमिट क्यों जारी नहीं किया गया। उन्होंने जवाब दिया कि कलेक्टर को अधिकार है। वह आदेश का पालन नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर तो आदेश कर चुके हैं। 

कोर्ट ने 24 अप्रैल को भिंड कलेक्टर को भी तलब कर लिया है। 

Regional Director Santosh Kumar Patel and Mining Officer Dinesh Dudve

कोर्ट ने खनिज विभाग के क्षेत्रीय निदेशक संतोष कुमार पटेल व भिंड के खनिज अधिकारी दिनेश कुमार दुदवे को अवमानना का नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। अपना पक्ष रखने के लिए दोनों अधिकारियों को 24 अप्रैल तक का समय दिया गया है। 

कोर्ट ने 14 मार्च 2023 को प्रिसिंपल बैंच जबलपुर ने दिए आदेश का भी हवाला दिया। बीएससी नर्सिंग की सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को भी इस मामले की जानकारी दी। 

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