legal advice- क्या कोर्ट में आरोपी की उपस्थिति के बिना सुनवाई प्रारंभ हो सकती है

जब किसी व्यक्ति पर किसी अपराध का आरोप लगाया जाता है तब न्यायालय में उसके विरुद्ध जाँच या विचारण प्रारंभ किया जाता है तब आरोपी की उपस्थिति अनिवार्य होती है सवाल यह है कि क्या न्यायालय आरोपी व्यक्ति को व्यक्तिगत हाजिर होने से मना कर सकता है,अगर हाँ तो कब।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 317 की उपधारा 01 की परिभाषा:-

दण्ड प्रक्रिया संहिता के अधीन किसी मामले के जाँच या विचारण के समय यदि न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को लगता है कि आरोपी की व्यक्तिगत हाज़िर न्याय हित में आवश्यक नहीं है या आरोपी न्यायालय की कार्यवाही में बार बार विघ्न डालता है तो ऐसे आरोपी की व्यक्तिगत हाजिरी न्यायालय में नहीं होगी, उसके स्थान पर उसका वकील उपस्थित हो सकता है। 

साधारण शब्दों में कहे तो दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 317(1) के अंतर्गत आरोपी व्यक्ति के स्थान पर वकील हाजिरी दे सकता है और यही आरोपी की उपस्थिति मानी जाती है इसी आधार पर न्यायालय जाँच या विचारण प्रारंभ कर सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !