Legal advice- क्या मजिस्ट्रेट, घटनास्थल पर जाकर निरीक्षण कर सकता है, पढ़िए CrPC 310

जब कोई अपराध घटित होता है तब उस अपराध का प्रारंभिक अन्वेषण किसी भी भारसाधक पुलिस अधिकारी द्वारा किया जाता है एवं उस मामले की जाँच मजिस्ट्रेट के आदेश पर नियुक्त किसी भारसाधक अधिकारी द्वारा की जाती है। आज सवाल यह है कि क्या मजिस्ट्रेट किसी अपराध की घटना स्थल का स्वयं जाकर निरीक्षण कर सकता है जानिए।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 310 की परिभाषा

1. कोई भी न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट किसी अपराध के घटित होने पर घटना स्थल पर जा स्थानीय क्षेत्र में जाकर निरीक्षण करने की स्वंय शक्ति रखता है एवं निरीक्षण करने से पहले मजिस्ट्रेट दोनो पक्षकारों को भी इसकी सूचना देगा।

2. मजिस्ट्रेट द्वारा स्थानीय निरीक्षण में मीले साक्ष्य मामले में न्यायालय अभिलेख के भाग होंगे एवं इनकी प्रतिलिपि आरोपी एवं पीड़ित व्यक्ति को नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।

"साधारण शब्दों में कहे तो यह धारा किसी मामले की जाँच, विचारण के समय मजिस्ट्रेट या न्यायधीश को स्वंय स्थानीय निरीक्षण करने की शक्ति प्रदान करती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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