CrPC 295- क्या शपथ पत्र पर लोक सेवक का बयान, साक्ष्य के रूप में मान्य हो सकता है

कोई भी व्यक्ति अपनी बातों को या साक्ष्य को दो प्रकार से रख सकता हैं। एक तो प्रत्यक्ष रूप से दूसरा अप्रत्यक्ष रूप से। प्रत्यक्ष रूप से लिया गया साक्ष्य मौखिक होता है एवं अप्रत्यक्ष रूप से लिया गया साक्ष्य में कथन, बयान, रिकॉर्डिंग भी हो सकती है। हम बात कर रहे हैं क्या न्यायालय लोकसेवक के व्यवहार पर लिया गया शपथ पत्र, साक्ष्य के रूप में मान्य करेगा, जानिए:-

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 295 की परिभाषा

जब किसी न्यायालय को किसी जाँच, विचारण, या अन्य कार्यवाही के दौरान कोई आवेदन किया जाता है एवं किसी लोकसेवक के कथन किया जाना है तब लोकसेवक अभिकथित तथ्यों को शपथ पत्र द्वारा साक्ष्य दे सकता है एवं न्यायालय उसे ठीक समझता है तो शपथ पत्र के साक्ष्य को मान्य कर सकता है।

"साधारण शब्दों में कहे तो लोकसेवक आर्थत शासकीय कर्मचारियों एवं निगम अध्यक्ष, सरपंच, पार्षद, सासंद आदि का कथन, बयान या आचरण संबंधित जानकारी न्यायालय चाहे तो आवेदन के साथ शपथ पत्र के माध्यम से उक्त धारा के अनुसार मान्य कर सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

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