ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर (मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी) द्वारा आयोजित बीएससी न परीक्षा पर रोक लगा दी है। आदेशित किया है कि जितने भी पेपर हो गए हैं उन सब की आंसर शीट सील बंद करके सुरक्षित रखी जाए।
भिंड के रहने वाले श्री हरिओम ने जनहित याचिका लगाई है। एडवोकेट उमेश बोहरे ने न्यायालय में उनका पक्ष रखा। हाई कोर्ट को बताया गया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है जिनका नामांकन ही रजिस्टर नहीं हुआ है। जिन कॉलेजों की एफीलिएशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है उनके स्टूडेंट्स को परीक्षा देने का अवसर दिया गया है। याचिका में बताया गया कि ज्यादातर कॉलेजों के पास अपना भवन ही नहीं है। किराए के कमरे में नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं। परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों को परीक्षा कक्ष में बैठने का अभिनय करना होता है। अयोग्य विद्यार्थियों को डिग्री बेची जा रही है।
याचिका प्रस्तुत होने के बाद हाईकोर्ट ने दिनांक 19 सितंबर 2022 को जारी टाइम टेबल की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। स्पष्ट आदेश दिया गया है कि अब तक जितने भी पेपर हो गए हैं उनकी उत्तर पुस्तिकाएं सील बंद करके रखी जाए। मेडिकल यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक को दिनांक 4 जनवरी 2022 को हाई कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं।