भोपाल। बड़ा खुलासा हुआ है, बेहद गंभीर मामला है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में पिछले डेढ़ साल में अवैध दस्तावेजों के आधार पर 7000 आधार कार्ड बनाए गए। इसके अलावा भी कुछ गंभीर गड़बड़ियां सामने आई है। निशा बांगरे, डिप्टी कलेक्टर और ई-गवर्नेंस प्रभारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हम लगातार इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं।
यह भी संभव- कराची के अब्दुल का आधार कार्ड भोपाल से बन गया!
ऐशबाग इलाके में जिस आधार सेंटर का पता चला है, वहां बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। पिछले डेढ़ साल में अभय से दस्तावेजों के आधार पर 7000 आधार कार्ड बनाए गए हैं। फोटोशॉप के माध्यम से लोगों की आईडेंटिटी कार्ड और उनके एड्रेस बदले गए। यह कंफर्म कर पाना बहुत मुश्किल है कि सभी के फोटो ओरिजिनल है या सोशल मीडिया से निकाले गए। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि कराची में रहने वाले अब्दुल गफ्फार का आधार कार्ड ऐशबाग से बन गया हो। फोटो, बायोमैट्रिक्स और नाम सब कुछ असली हो केवल पता बदल दिया गया हो।
आधार सेंटर के बारे में पता चला है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार यह आधार सेंटर भोपाल शहर के वार्ड क्रमांक 85 रापड़िया में होना चाहिए था, लेकिन एक्चुअल में मंडीदीप रायसेन में चलता हुआ पाया गया है। हो सकता है कि ज्यादा पैसा कमाने के लिए आधार सेंटर संचालक ने अपनी लोकेशन बदल दी हो परंतु यह भी तो हो सकता है कि इंडस्ट्रियल एरिया मंडीदीप में बिना दस्तावेज वाले लोगों के आधार कार्ड बनाकर बड़ा पैसा कमाया जा रहा हो। अपराधियों की पहचान बदली जा रही हो।