भोपाल। एक बार फिर रेलवे के विद्वान और विशेषज्ञों की योग्यता पर दाग लग गया है क्योंकि डेली अप-डाउनर्स की ट्रेन जबलपुर जनशताब्दी एक्सप्रेस में विस्टाडोम कोच को पर्यटकों ने रिजेक्ट कर दिया है। दरअसल, यह ट्रेन भोपाल से शाम को रवाना होती है और रात के अंधेरे में विस्टाडोम कोच से बाहर के जुगनू भी दिखाई नहीं देते।
ट्रेन में विस्टाडोम कोच क्या है
विस्टाडोम कोच में 44 यात्री सफर कर सकते हैं। विस्टाडोम कोच की बाहरी दीवारें व छत का कुछ हिस्सा कांच से बना हुआ है। जिसमें से बाहर के नजारे को दूर तक देखा जा सकता है। कुर्सियां सुविधाजनक हैं, जिन्हें सहूलियतों के हिसाब से घूमाया जा सकता है। कोच में एक कैबिन है, जिसमें यात्री खड़े रहकर भी प्राकृतिक दृश्य को निहार सकते हैं। सामान रखने के लिए अलग कंपार्टमेंट है। दो-दो एलईडी टीवी लगे हैं। मनोरंजन के लिए स्पीकर है। स्वल्पाहार की व्यवस्था भी है। कुल मिलाकर पर्यटकों के लिए वह सब कुछ है जो उन्हें चाहिए।
जबलपुर जनशताब्दी में विस्टाडोम कोच फेल क्यों हो गए
यह ट्रेन जबलपुर से सुबह चलती है और दोपहर में भोपाल पहुंचती है। यानी जबलपुर के पर्यटकों के लिए फिर भी एक अपॉर्चुनिटी है लेकिन शाम को लगभग 6:00 बजे भोपाल से बाहर निकलती है। पर्यटकों को मंडीदीप और अब्दुल्लागंज के प्रदूषण के बीच सूर्यास्त दिखाई देता है। नर्मदा पुरम पहुंचते-पहुंचते अंधेरा हो जाता है। फिर ट्रेन के बाहर जुगनू भी दिखाई नहीं देते। वैसे भी जनशताब्दी एक्सप्रेस डेली अप डाउन करने वालों की ट्रेन है।
अब क्या प्लानिंग है
इंटरसिटी एक्सप्रेस रानी कमलापति स्टेशन से तड़के 5:10 बजे रवाना होती है और जबलपुर के आधारताल स्टेशन पर सुबह 10:50 बजे पहुंचती है। यह ट्रेन आधारताल स्टेशन से दोपहर 3:30 बजे रवाना होती है और रात 9:55 बजे रानी कमलापति स्टेशन पहुंचती है। कुल मिलाकर भोपाल से जबलपुर की तरफ जाने वाले पर्यटकों के लिए अपॉर्चुनिटी है। जबलपुर से पिपरिया तक भी अच्छा नजारा देखने को मिलेगा, लेकिन होशंगाबाद से भोपाल तक का घाट सेक्शन चूक जाएगा।