संविदा शिक्षक बेरोजगार हुआ तो नकली नोट छापने लगा- MP NEWS

भोपाल
। यह एक ऐसा मामला है जिसमें पकड़ा गया आरोपी, गलत संगति के कारण अपराधी नहीं बना बल्कि सरकार की पॉलिसी का शिकार होकर मजबूरी में अपराध की तरफ बढ़ गया। आईटीआई कॉलेज खरगोन, मंदसौर, नीमच और शिवपुरी में संविदा शिक्षक के पद पर काम कर चुके राकेश सर को पुलिस ने नकली नोट छापने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

राकेश सर ने बीएससी के साथ मैकेनिकल और कंप्यूटर्स में आईटीआई पास किया है। स्वयं पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि राकेश टेक्नीकली स्किल्ड आदमी है। खरगोन पुलिस ने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए जब शिक्षण संस्थान लॉकडाउन किए गए तब मध्यप्रदेश में संविदा शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया था। नैतिकता के नाते सभी को आधा वेतन दिया जाना चाहिए था परंतु अस्थाई कर्मचारियों के प्रति मध्यप्रदेश शासन की पॉलिसी काफी कठोर है। गुजर बसर करना काफी मुश्किल हो गया था। 

किसी ने बताया कि ऑनलाइन गेम खेल कर पैसा कमाए जा सकता है। राकेश सर ने ट्राई किया लेकिन कमाने की जगह 4-5 लाख रुपए का कर्जा हो गया। अब कोई रास्ता नहीं था। जिस टेक्निकल स्किल का उपयोग राकेश सर बच्चों को पढ़ाने में करते थे। उसी तकनीकी विशेषज्ञता का दुरुपयोग करते हुए कर्जा चुकाने के लिए नकली नोट छापने लगे। विशेषज्ञता होने के कारण प्रिंटिंग इतनी अच्छी आती थी कि कोई समझ नहीं पाता था। 

सरकार ने तब से लेकर अब तक वैकेंसी ओपन नहीं की। राकेश सर को कोई पकड़ नहीं पाया इसलिए उन्होंने जीवन यापन के लिए नकली नोट छापने का कारोबार जारी रखा। एक टीम बना ली, जो बाजार में नकली नोट खपाने का काम करती थी। अंततः पुलिस ने सभी को पकड़ लिया।

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