जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक कर्मचारी का ट्रांसफर इस आधार पर निरस्त करने का निर्देश दिया है, क्योंकि उसकी मां बीमार है और घर में सेवा करने के लिए कोई दूसरा सदस्य नहीं है। हाईकोर्ट ने 60 दिन के भीतर मामले का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता नर्मदापुरम निवासी संजय लुटारे की ओर से अधिवक्ता शंकर प्रसाद सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता पूर्व में नगर पालिका परिषद, नर्मदापुरम में स्वच्छता निरीक्षक के रूप में पदस्थ था। आठ फरवरी, 2021 को उसका स्थानांतरण नगर पालिका परिषद, सिवनी मालवा कर दीया गया।
15 अप्रैल, 2022 को याचिकाकर्ता ने उप नगर पालिका अधिकारी, सिवनी मालवा के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किया, जिसमें अवगत कराया गया कि मां लकवाग्रस्त है। घर में सेवा के लिए कोई बड़ा सदस्य नहीं है। मां नर्मदापुरम में निवास करती है, इसलिए सिवनी मालवा से नर्मदा पुरम स्थानांतरण किया जाए।
सभी दस्तावेजों के साथ मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भी अभ्यावेदन दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसीलिए हाई कोर्ट आना पड़ा। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद व्यवस्था दे दी कि याचिकाकर्ता 15 दिन के भीतर नए सिरे से अभ्यावेदन प्रस्तुत करेगा। जिस पर विचार कर 60 दिन के भीतर शिकायत दूर की जाएगी।