भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले 20 सालों से कर्मचारियों में फूट डालकर फायदे उठाए जा रहे हैं लेकिन पुरानी पेंशन के मामले में शासकीय कर्मचारी लामबंद होने लगे हैं। बावजूद इसके, शिवराज सिंह चौहान सरकार पर कोई दबाव नहीं है। वित्त मंत्री ने बजट के बाद स्पष्ट कर दिया कि पुरानी पेंशन के मामले में कोई विचार नहीं कर रहे।
बजट प्रस्तुत करने के बाद जब पत्रकारों ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से पुरानी पेंशन के बारे में सवाल किया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि पुरानी पेंशन का कोई विचार नहीं है। यह संभव हो सकता है कि वर्तमान में संचालित नवीन पेंशन योजना में कुछ बदलाव किए जाएं। उल्लेखनीय है कि कर्मचारी, अपनी जमा पूंजी को नवीन पेंशन योजना के तहत लालच में आकर खतरे में नहीं डालना चाहते। इसलिए, पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों में दिग्विजय सिंह ने फूट डाली थी, शिवराज सिंह ने पार्टीशन कर दिए
किसी भी राज्य में शासकीय कर्मचारी, सरकार के लिए महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि ना केवल कर्मचारी वोट बैंक होता है बल्कि सरकार के खिलाफ माहौल भी बना देता है। मध्यप्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को यह बात समझ में आ गई थी। उन्होंने बड़ी ही चतुराई के साथ कर्मचारियों में जातिवाद की फूट डाल दी थी। वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए कर्मचारियों के बीच पार्टीशन कर दिए हैं। अब कर्मचारी संगठनों के नेता सत्ता के संपर्क के आधार पर एक दूसरे से और शेष कर्मचारी जातिवाद के आधार पर एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.