सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहिए, क्या पता सरकार आपके भरोसे हो- my opinion by Dr. Pravesh Singh Bhadoria

2019 में चीन के वुहान शहर से फैली बीमारी 2022 में एक अलग रुप में सामने है। जैसा कि वाइरस की प्रकृति होती है कि जब वो एक से दूसरे शरीर में जाता है तो थोड़ा अधिक शक्तिशाली हो जाता है, यही शक्ति वर्तमान संक्रमण में देखने को मिल रही है अर्थात वाइरस अपनी इंफेक्टिविटी को बढ़ा चुका है। 

हालांकि वाइरस की वायरुलेंस अर्थात नुकसान पहुंचाने की क्षमता थोड़ी कम है। इसका एक प्रमुख कारण मौसम को माना जा सकता है। लेकिन जैसे-जैसे मौसम में नमी और तापमान बढ़ेगा, शरीर के थकने के कारण वायरस और भी खतरनाक हो सकता है।

भारत के नागरिकों को अब सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहिए क्योंकि क्या पता सरकार आपके भरोसे बैठी हो। सरकारी अधिकारियों को भी जिस तरह से बिहार की कोसी नदी की बाढ़ का इंतजार रहता था वैसा ही इंतजार अब इस घातक बिमारी का होने लगा है क्योंकि वे इस आपदा में अवसर को तलाशने लगे हैं। 

वैसे यदि हम सरकारी चूक पर बात करें तो सुबह से शाम हो जायेगी लेकिन चूक पर बातें खत्म नहीं होंगी। हमारा एयरपोर्ट पर सर्विलांस सिस्टम इतना कमजोर है कि अंतरराष्ट्रीय अलर्ट के बाद भी संक्रमित लोग एक से दूसरे स्थान पर आराम से आ जा रहे हैं। ठीक इसी प्रकार एक राज्य से दूसरे राज्य में संक्रमण आराम से घूम रहा है। वहीं शहर या किसी क्षेत्र में यही संक्रमण या तो धरना प्रदर्शन कर रहा है या अपना सम्मान करवा रहा है। 

राज्य और राष्ट्र की सरकार यदि अब भी इतने संक्रमण को सामान्य स्थिति मानकर चल रही है तो समझ लीजिए उन्हें आपकी चिंता नहीं है क्योंकि फिर यह सवाल पूछा जाना आवश्यक है कि यदि यह सामान्य बिमारी है तो टैक्स का करोड़ों रुपया कोरोना से बचाव/इलाज के लिए खर्च क्यों किया जा रहा है? बाकी आप सभी स्वयं अपने विवेक का इस्तेमाल करें और मास्क अवश्य लगाएं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.
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