आत्महत्या या संदिग्ध मृत्यु की जांच एवं रिपोर्ट के नियम - CrPC SECTION-174

पुलिस विभाग के अधिकारी सभी प्रकार के आपराधिक मामलों में जांच करते हैं एवं जांच रिपोर्ट सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत की जाती है परंतु आत्महत्या, दुर्घटना एवं संदिग्ध मृत्यु की स्थिति में जांच एवं रिपोर्ट के नियमों में अन्य अपराधों की जांच विधि की तुलना में भिन्नता होती है। आइए जानते हैं आत्महत्या के मामलों में जांच एवं रिपोर्ट के नियम:-

दण्ड प्रकार संहिता,1973 की धारा 174 की परिभाषा:-

जब किसी थाने के पुलिस अधिकारी को ऐसी आत्महत्या या हत्या की जानकारी (सूचना) मिलती है -स्वयं व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली है, जीवजंतु के कारण मृत्यु हो गई है, व्यक्ति दुर्घटना से मारा गया है, या कोई संदेह (शक) के अंतर्गत मारा गया है। तब पुलिस अधिकारी तुरंत निकटतम कार्यपालक मजिस्ट्रेट को सूचित करेगा।

पुलिस अधिकारी ऐसी डेड-बॉडी (मृत शरीर) के पास तुरंत जाकर दृश्यमान इन्वेस्टिगेशन करेगा अर्थात व्यक्ति के शरीर पर चोट, घाव, अन्य प्रकार के निशान को देखेगा एवं किस प्रकार व्यक्ति ने आत्महत्या की है इसके तथ्यों को भलीभाँति रिपोर्ट में उल्लेखित करेगा।

अगर ऐसी स्त्री ने आत्महत्या की हैं जिसकी शादी के अभी सात वर्ष पूरे नहीं हुए हैं तब उस महिला के ससुराल पक्ष के व्यक्ति से पूछताछ की जाएगी इसकी रिपोर्ट भी अन्वेषण अधिकारी तैयार करेगा।

किसी व्यक्ति की डेड-बॉडी ऐसे स्थान पर मिली है जहाँ से पोस्टमार्टम हॉस्पिटल अधिक दूरी पर है तब पुलिस अधिकारी को धारा 174(4) यह अधिकार देती हैं कि वह डेड बॉडी को खराब होने से पहले किसी प्राइवेट अस्पताल (राज्य सरकार द्वारा रजिस्ट्री  चिकित्सालय) में पोस्टमार्टम के लिए ले जा सकता है।

नोट:-उपर्युक्त मृत्यु की समीक्षा करने के लिए सिर्फ DM, SDM या कोई अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट सशक्त हैं। पुलिस डिपार्टमेंट के इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर द्वारा घटनास्थल पर तैयार किया गया पंचनामा भीइन्ही को सौंपेगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
अंग स्पर्श करने या अश्लील फोटो-वीडियो दिखाने वाले को नजरअंदाज ना करें, इस धारा के तहत सबक सिखाएं
मोबाइल पर ऐसे मैसेज आएं तो इस लिंक के साथ पुलिस को बताए, FIR दर्ज कराएं
इंसान को कुत्ता-कमीना कहा तो किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
कठोर कारावास में कैदी से क्या करवाया जाता है 
:- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!