GWALIOR के इलेक्ट्रीशियन की बेटी कलेक्टर बनेगी, UPSC पास - REAL INSPIRATIONAL STORY

Bhopal Samachar
ग्वालियर।
भारत में बहुत सारे बच्चे इसलिए पढ़ाई नहीं करते क्योंकि उनके पेरेंट्स उनकी मर्जी के मुताबिक सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध नहीं कराते लेकिन कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो बहाने नहीं बनाते। जिंदगी में कई लड़ाइयां हारते हैं लेकिन एक बार कुछ ऐसा कर जाते हैं कि जीत का प्रतीक बन जाते हैं। ग्वालियर की उर्वशी सेंगर की कहानी कुछ ऐसी ही है। 

चार शहर का नाका हजीरा में रहने वाले रविंद्र सिंह सेंगर इलेक्ट्रीशियन है। बिटिया उर्वशी सेंगर के सामने कई समस्याएं थी। ग्वालियर शहर का सामाजिक ताना-बाना ऐसा है कि आर्थिक तंगी से गुजर रहे परिवार के बच्चों को आगे बढ़ने के लिए कई मुश्किलें आती हैं। ग्वालियर चंबल अंचल में आज भी बच्चों के सपनों को उनके पिता की हैसियत से बांधकर देखा जाता है। यानी इलेक्ट्रिशियन की बेटी यूपीएससी तो दूर की बात है यदि एमपीपीएससी के भी सपने देखे तो उसे हतोत्साहित करने वाले रिश्तेदारी में ही बहुत सारे मिल जाते हैं।

आईएएस अफसर बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा को पास करना जरूरी था। जो कि भारत की सबसे कठिन परीक्षा है। कई बच्चे तैयारी के लिए दिल्ली जाकर कोचिंग लेते हैं लेकिन उर्वशी के पिता के पास ग्वालियर में कोचिंग कराने के पैसे नहीं थे। सरकारी कॉलेज में पढ़ती थी। बावजूद इसके उर्वशी ने पूरी ताकत से छलांग लगाई और आज बेटी के कारण पिता का सीना चौड़ा हो गया है। केवल समाज ही क्या, पूरा ग्वालियर और मध्य प्रदेश उर्वशी के संघर्ष की प्रशंसा कर रहा है। 

MORAL OF THE STORY 

मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि जिंदगी में यदि बड़ी लड़ाई जीतना चाहते हैं तो छोटी-छोटी लड़ाईयों में मिलने वाली हार से प्रभावित नहीं होना चाहिए। जरूरी नहीं है कि दुनिया को हर बात का जवाब दिया जाए। मित्र और रिश्तेदारों द्वारा दिए गए तानों का जवाब दिया जाए। क्योंकि एक बड़ी सफलता ना केवल लाखों लोगों को सबक सिखा देती है बल्कि उन्हें शर्मसार होने और माफी मांगने पर भी मजबूर कर देती है।

POPULAR INSPIRATIONAL STORY

यदि आप भी ऐसे कुछ लोगों को जानते हैं जिन्होंने शून्य से शिखर तक का सफर अपने परिश्रम के दम पर तय किया। जिनकी लाइफ स्टोरी दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकती है तो कृपया अवश्य लिख भेजिए हमारा ईपता तो आपको पता ही होगा -editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!