BHOPAL NEWS- कोरोना जांच घोटाला की चर्चा, CMHO को कुछ पता ही नहीं

भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के स्वास्थ्य विभाग पर कोरोनावायरस की जांच में घोटाला करने के आरोप लग रहे हैं और अजीब बात यह है कि सीएमएचओ को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। समाचार लिखे जाने तक हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से कोई ऑफिशल स्टेटमेंट जारी नहीं हुआ था जबकि सोशल मीडिया पर सुबह से घोटाले की चर्चा हो रही है।

मामला कोटरा सुल्तानाबाद में कबाड़ में मिली कोरोनावायरस संक्रमण की जांच करने वाली किट और कुछ दस्तावेजों का है जिनमें 13 कागजों पर 300 नागरिकों के नाम एवं नंबर लिखे हुए हैं। बताया गया है कि यह सामग्री एवं दस्तावेज आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल को लावारिस पड़े मिले हैं। बताया गया है कि इनमें 80 से ज्यादा स्वैब स्टिक (जिससे कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच की जाती है) और 13 कागजों पर 300 लोगों के नाम एवं मोबाइल नंबर लिखें हैं।

CMHO ने कहा: मुझे कोई जानकारी नहीं है

भोपाल के हेल्थ डिपार्टमेंट पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि शहर में कोरोनावायरस संक्रमण की जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। कागजी खानापूर्ति हो रही है। स्वैब स्टिक के माध्यम से सैंपल कलेक्ट नहीं किए जा रहे। केवल लिस्ट बनाई जा रही है और सभी को नेगेटिव बताया जा रहा है। सच क्या है यह तो CMHO डॉक्टर प्रभाकर तिवारी ही बता सकते हैं परंतु उन्होंने ऐसे किसी भी मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है। आश्चर्यजनक बात है डिपार्टमेंट के हेड को यह पता ही नहीं है कि डिपार्टमेंट में क्या चल रहा है। 

स्वैब स्टिक और दस्तावेज लेने कोई नहीं आया: प्रदीप खंडेलवाल

आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खण्डेलवाल ने बताया कि उन्होंने इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल के कार्यालय में दी थी। CMHO ऑफिस से डॉ. तेजप्रताप और डॉ. केके अग्रवाल का फोन आया। डॉ. तेजप्रताप ने उनसे सीट की फोटो मांगी थी। इसके बाद से खण्डेलवाल के पास किसी का ना तो फोन आया और ना ही कोई जानकारी लेने आया। प्रदीप खण्डेलवाल ने बताया कि उन्होंने सोमवार को CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी को फोन करके सामान ले जाने के लिए कहा तो उनको जवाब दिया कि वह कबाड़ है। हमारे काम का नहीं है।

घोटाले का आरोप क्यों लग रहा है 

घोटाले का आरोप इसलिए लग रहा है क्योंकि स्वैब स्टिक और दस्तावेजों को लेने के लिए कोई नहीं आया। जबकि प्रदीप खंडेलवाल का कहना है कि उन पर 2023 की एक्सपायरी लिखी हुई है। यदि किसी टीम के पास से गुम हो गए होते तो अब तक कोई ना कोई लेने जरूर आता। अधिकारियों की बेरुखी इस बात का विश्वास दिलाती है कि दस्तावेजों में 80 स्वैब स्टिक का उपयोग हो चुका है या नहीं 80 RTPCR तैयार हो चुकी है। प्रदीप खंडेलवाल के पास जो स्वैब स्टिक हैं, अब वह किसी काम की नहीं है। 

16 अगस्त को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

MP EMPLOYEE NEWS- अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त शिक्षकों को चपरासी बनाने वाले आदेश पर हाई कोर्ट का स्टे
MP NEWS- दो मंत्रियों के बाद कलेक्टर की तबीयत बिगड़ी, समारोह के बीच में से रवाना
MP CORONA NEWS- सावधान! पड़ोसी राज्य में 64219 पॉजिटिव, राखी के साथ वायरस भी आ सकता है
MP NEWS- ध्वजारोहण के बाद कमलनाथ जिंदाबाद के नारे, भारत से ऊपर भाजपा का झंडा
MP EMPLOYEE NEWS- शिक्षक के ट्रांसफर पर हाई कोर्ट ने स्टे देने से मना किया
MP EMPLOYEE NEWS- संविदा लेखापालों को 2800 ग्रेड पे देने के आदेश, राज्य शिक्षा केंद्र हाईकोर्ट में हारा
GWALIOR NEWS- विवाहिता को फ्लर्ट करना भारी पड़ गया, सिरफिरा शादी के लिए पीछे पड़ गया
CM Sir, एक तो नौकरी अस्थाई ऊपर से वेतन भी 7000, अच्छी बात है क्या - Khula Khat
MP NEWS- ध्वजारोहण करने गए मंत्री की तबीयत बिगड़ी, एअरलिफ्ट किया
INDORE NEWS- कॉलेज में अतिथि विद्वानों की यूनिफार्म अनिवार्य
INDORE NEWS- कावेरी बिल्डिंग में झंडा वंदन का विरोध, पथराव, वाहन तोड़े

महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां

GK in Hindiइमरजेंसी में कार लॉक हो जाए तो जान बचाने के लिए क्या करें
GK in Hindi- चंद्रमा को मामा क्यों कहते हैं, पढ़िए वैज्ञानिक कारण
GK in Hindiकार का साइलेंसर पीछे, ट्रक का साइड में और ट्रैक्टर का सामने क्यों होता है
GK in Hindiअंग्रेजी के अक्षरों में i और j के ऊपर बिंदी क्यों लगाई जाती है
GK in Hindiमाचिस की तीली किस लकड़ी से बनती है, माचिस का आविष्कार किसने और कब किया 
GK in Hindiदुबई के सभी शेख अमीर क्यों होते हैं, कोई कंगाल क्यों नहीं होता
GK in Hindiपरिक्रमा को इंग्लिश में क्या कहते हैं और हिंदी में इसका अर्थ क्या है
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !