भरण-पोषण के आदेश को लागू करवाना किस धारा के अंतर्गत मजिस्ट्रेट का दायित्व है - LEARN CrPC SECTION 128

क्या किसी मजिस्ट्रेट का काम इतना ही होता है कि वह धारा 125 के अंतर्गत सिर्फ भरण-पोषण का आदेश कर दे या ऐसे आदेश को लागू करवाना भी कोई कानूनी बाध्यता होती है। अगर किसी क्षेत्राधिकार से बाहर का आदेश होता है तब क्या वहाँ का स्थानीय मजिस्ट्रेट अन्य मजिस्ट्रेट के आदेश को लागू करवा सकता है, जानिए ये सब जबाब आज के लेख की धारा 128 में।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 128 की परिभाषा:-

अगर न्यायालय द्वारा किसी व्यक्ति को भरण-पोषण भत्ता, अंतरिम भरण-पोषण भत्ता, या कार्यवाही खर्चे के लिए कोई आदेश दिया गया है तब इस आदेश की एक कॉपी वादी या उसके किसी संरक्षण को निःशुल्क दी जाएगी।

जिस व्यक्ति के विरुद्ध आदेश दिया गया है मजिस्ट्रेट उसकी पहचान करवा कर उपर्युक्त भत्ता आदेश को इस धारा के अंतर्गत लागू करवाएगा एवं प्रतिवादी द्वारा भत्ता नहीं दिए जाने पर इसका समाधान भी मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाएगा।

उदहारणानुसार वाद- किशोरी लाल बनाम शांती देवी

मामले में भारत-पाकिस्तान विभाजन के पूर्व भरण-पोषण के लिए भत्ते की अदायगी का आदेश लाहौर के मजिस्ट्रेट के न्यायालय से प्राप्त किया गया था। विभाजन के बाद पति दिल्ली चला आया, दिल्ली के मजिस्ट्रेट द्वारा भरण-पोषण के आदेश का निष्पादन वैध माना गया। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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