COVID की तीसरी लहर से 2 आयुर्वेदिक औषधियां बचा सकती है- डॉ एन श्रीकांत

भारत में कोरोनावायरस की दो लहर आ चुकी है। तीसरी लहर से पहले केंद्र सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन कर दिया जाए। इधर भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भी लगातार नागरिकों की इम्युनिटी बढ़ाने वाली औषधियों के प्रचार प्रसार में लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र अमर उजाला द्वारा आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के साथ मिलकर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सीसीआरएएस के निदेशक जनरल डॉ एन श्रीकांत ने बताया कि कोरोनावायरस से बचने के लिए 2 आयुर्वेदिक औषधियां (अश्वगंधा एवं गिलोय) सबसे अच्छे परिणाम प्रदर्शित कर रही हैं। 

अश्वगंधा और गिलोय- 95% तक संक्रमण से सुरक्षित करते हैं

डॉ एन. श्रीकांत ने कोरोना में अश्वगंधा और गिलोय की उपयोगिता का जिक्र करते हुए बताया कि कई अध्ययन भी इससे होने वाले लाभ की पुष्टि करते हैं। वैज्ञानिकों ने अश्वगंधा को लेकर करीब 78 अध्ययन किए हैं। इसमें पाया गया कि अश्वगंधा के साथ गिलोय का सेवन करने वाले लोग कोरोना संक्रमण से 95 फीसदी तक सुरक्षित हो सकते हैं। इसके बाद भी जिनको संक्रमण हुआ उनमें गंभीर मामले नहीं देखे गए।

अश्वगंधा और गिलोय कोविड-19 के क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में शामिल

अध्ययन के दौरान 20 संस्थानों द्वारा 90 हजार लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि आयुष मंत्रालय का आयुष रक्षा किट भी कोरोना में काफी अधिक सुरक्षा दे सकता है। इसी आधार पर भारत सरकार ने प्रोफेसर बीएम कटौच के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया जिसने आयुष-64 के अलावा अश्वगंधा और गिलोय को कोविड-19 के क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में शामिल किया। इसे कोविड-19 के उपचार के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सलाह पर लिया जा सकता है। 

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