कलेक्टर बनने 12वीं के बाद कौन सा सब्जेक्ट लें, पढ़िए सबसे ताकतवर पद पर पहुंचने का रास्ता

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कलेक्टर, यह पदनाम अंग्रेजी शासन काल में निर्धारित किया गया था और पदाधिकारी के पास असीम शक्तियां होने के कारण कलेक्टर जनता में विद्रोह का कारण भी बना परंतु आज भी कलेक्टर पदनाम लोगों को आकर्षित करता है। बच्चे बड़े होकर कलेक्टर बनना चाहते हैं। यहां अपन इस बात पर विचार करेंगे कि कलेक्टर बनने के लिए किस प्रकार की पढ़ाई करनी पड़ती है और कितनी परीक्षाएं पास करनी पड़ती है।

कलेक्टर बनने के लिए कौन सी परीक्षा पास करनी होती है 

कलेक्टर बनने से पहले आईएएस बनना होता है।
IAS यानी (अंग्रेजी: Indian Administrative Service) भारतीय प्रशासनिक सेवा।
आईएएस बनने के लिए UPSC (UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION) संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी होती है। 
UPSC Civil Services Prelims EXAM में भाग लेने के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से स्नातक होना अनिवार्य है।
इस परीक्षा के जरिये भारत सरकार के करीब 24 सेवा विभागों में नियुक्तियां रैंक के आधार पर मिलती हैं।
इस परीक्षा में शीर्ष रैंक (लगभग शीर्ष 100 रैंक) हासिल करने वाले उम्मीदवार ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी बन पाते हैं।
चयन के बाद अधिकारियों की तीन महीने की शुरुआती ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में ही होती है। 
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही आईएएस अधिकारी को एक मेडल दिया जाता है। 

यहां याद रखने वाली सबसे खास बात यह है कि यदि आप परीक्षा पास कर लेते हैं लेकिन टॉप 100 में नहीं आते तब आपको भारतीय स्तर की दूसरी सेवा में जाने का मौका मिलेगा परंतु भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस बनने का मौका नहीं मिलेगा और कलेक्टर पद पर केवल आईएएस अधिकारी ही बैठ सकता है। कुल मिलाकर बात सिर्फ इतनी सी है कि कलेक्टर बनना है तो बोलना बंद और पढ़ना शुरू कर दीजिए।

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