मध्य प्रदेश के 9 हजार आयुष डॉक्टर हड़ताल पर गए - MP EMPLOYEE NEWS

भोपाल
। मध्य प्रदेश के लगभग 9000 आयुष डॉक्टरों ने मंगलवार दिनांक 25 मई 2021 से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। समान वेतन और संविदा नौकरी की मांग को लेकर इन डाॅक्टरों ने काम पर नहीं आने का फैसला किया है। डॉक्टरों का कहना है कि सालभर से काम कर रहे हैं, कोविड पॉजिटिव हो गए, इसके बाद भी सरकार हमारी अनदेखी कर रही है। जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, हड़ताल जारी रहेगी। 

मध्यप्रदेश में हड़ताली आयुष डॉक्टरों की क्या मांग है

डाॅ. ताेषी श्रीवास्तव का कहना था कि हमारी दाे ही मांगें हैं। पहला समान वेतनमान और दूसरा संविदा नियुक्ति। काेविड के बीच विपरीत परिस्थितियाें में काम कर रहे हैं। हमें जाे वेतन मिल रहा है, उसे बताने में शर्म आ जाए। मेरा परिवार संक्रमित हो गया। मेरे दो जुड़वां बच्चे हैं। एमएस होने की वजह से मुझे वैक्सीन नहीं लग सकती। इसके बाद भी मैं काम कर रही हूं।

हम एमबीबीएस वालों के बराबर ही काम कर रहे हैं: आयुष डॉक्टरों ने कहा

पिछली बार 10 हजार रुपए अलग से वेतन में देने की बात कही गई थी, लेकिन वह भी नहीं मिला। कोरोना योद्धा के तहत भी आयुष डॉक्टरों को लाभ नहीं मिला। हमारा तो बीमा भी नहीं है। हम एमबीबीएस वालों के बराबर ही काम कर रहे हैं। हमें इज्जतदार वेतन तो मिले। कोविड की इस बीमारी में हर जगह पर आयुष विभाग ही काम कर रहा है।

सुविधा तो छोड़िए, केस कम हो जाते हैं, तो हमें निकाल दिया जाता है

डॉक्टर राखी दुबे का कहना है कि यहां काम करते-करते हमें एक साल से ज्यादा हो गया है। न तो सैलरी बढ़ाई गई और ना ही अन्य सुविधा दी गई। सुविधा तो छोड़िए, जब केस कम हो जाते हैं, तो हमें निकाल दिया जाता है। केस बढ़ते ही नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर देते हैं। हमें इज्जतदार वेतन तो दीजिए। कई ऐसे डॉक्टर हमारे साथ काम कर रहे हैं, जो अभी-अभी मां बनी हैं। या जिनके बच्चे छोटे हैं। वे अपने 10-10 महीने के अपने बच्चे को छोड़कर कोविड ड्यूटी कर रही हैं। ड्यूटी के दौरान मैं खुद पाॅजिटिव हुई। हमारे साथ पैरामेडिकल स्टाफ, डेंटल, होम्योपैथी और आयुर्वेद वाले भी हैं। फिर हमारे साथ ऐसा व्यहार क्यों किया जा रहा है?

9 हजार डॉक्टर रहेंगे हड़ताल पर

फीवर क्लीनिक में आयुष मेडिकल ऑफिसर के पद में पदस्थ डॉक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि काॅन्ट्रैक्ट में होने के कारण हर दो-तीन महीने में काॅन्ट्रैक्ट बढ़ाया जा रहा है। पिछले महीने ही एक महीने का काॅन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया है। हम दो मांगों के साथ हड़ताल पर जा रहे हैं। समान कार्य, समान वेतन को लेकर प्रदेशभर में करीब 9 हजार काम से दूरी बनाएंगे।

सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है, इसलिए हड़ताल

पिछले साल भी 80 नर्सिंग स्टॉफ समेत 100 से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कई पोस्ट खाली पड़ी हैं। सरकार हमें बाद में वहां शिफ्ट कर सकती है, लेकिन उनकी ऐसी मंशा नहीं है। हमने एक महीने पहले भी बात की थी, लेकिन सरकार हमारी मांगों को संज्ञान नहीं ले रही। हड़ताल पर जाने को लेकर 22 मई को ज्ञापन सौंपा था। किसी ने ध्यान नहीं दिया, इसलिए हड़ताल का रास्ता चुना है।

होम्योपैथी डॉक्टरों के साथ लगातार धोखा किया जा रहा है

डॉक्टर बालाराम गुप्ता का कहना है कि होम्योपैथी डॉक्टरों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। कोविड में हम जनता के सेवा में लगे थे। पिछली सरकार में भी अनुरोध किया, लेकिन कभी केंद्र तो कभी कुछ और बहाना बनाया गया। हाल ही में सीएचओ की पोस्ट निकली, लेकिन हमें सम्मिलित नहीं किया गया, जबकि मंत्री ने खुद कहा था कि अब ऐसा नहीं होगा। हमें लगातार धोखा ही मिल रहा है।

आयुष वेलनेस सेंटर की वैकेंंसी आने वाली है, मंत्री ने आश्वासन दिया है कि अधिक से अधिक संख्या में होम्योपैथी डॉक्टरों को ज्यादा से ज्यादा शामिल किया जाएगा। अब यही मांग है कि हमारी अनदेखी नहीं करते हुए हम पर ध्यान दिया जाए।

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