कर्ज के बदले हरवाई गंभीर अपराध है, पढ़िए साहूकार को कितनी सजा होती है - KNOW YOUR LAW

वर्तमान समय की बात करें तो आज भी बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर वर्ग के व्यक्तियों से बंधुआ मजदूरी अर्थात जबरदस्ती काम करवाया जा रहा है, भारत सरकार द्वारा वर्ष 1976 में एक अधिनियम लागू किया गया, बंधक श्रम पद्धति (उत्सादन) अधिनियम, 1976 इस अधिनियम में स्पष्ट बताया गया कि किसी भी प्रकार के व्यक्ति से उसकी मर्जी के बिना श्रम नहीं करवाया जाएगा लेकिन जानकारी के अभाव के काऱण आज भी अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर वर्गों के व्यक्तियों द्वारा हरवाई करवाई जा रही है, जानिए क्या है अधिनियम।

बंधक श्रम पद्धति (उत्सादन) अधिनियम, 1976 की परिभाषा (सरल एवं संक्षिप्त शब्दों में):-

जो कोई व्यक्ति किसी कमजोर वर्गों के श्रमिकों से:-
1. बंधुआ मजदूरी करवाएगा।
2. किसी परंपरा के या रीति के अनुसार दिया गया ऋण को चुकाने के लिए हरवाई करवाना।
3. किसी भी व्यक्ति से बिना वेतन के काम काम करवाएगा या सिर्फ जीवन जीने मात्र का वेतन देगा।
4. कमजोर वर्ग के श्रमिक से जबर्दस्ती साल-भर के लिए  उसके पूर्वजों द्वारा प्राप्त किसी आर्थिक लाभ के बदले बंधक बनाकर रखेगा।
5. मजदूर को कही आने जाने नहीं देगा अर्थात भारत के किसी भी स्थानों के भ्रमण से रोकेगा।
ऐसा करने वाला सेठ, साहूकार, जमींदार आदि अधिनियम के अंतर्गत दोषी होगा।

बंधक श्रम पद्धति(उत्सादन) अधिनियम,1976 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

अधिनियम की धारा-6 के अनुसार ऐसे ऋण की वसूली शून्य मानी जाएगी अगर कोई संपत्ति पर जमींदार ने कब्जा कर लिया है तो बंधकमुक्त होगा अधिनियम की धारा 7 के अनुसार। अधिनियम की धारा 8 एवं 9 के अनुसार श्रमिक को उसके निवास से नहीं निकला जाएगा एवं वह किसी भी प्रकार का कर्जदार नहीं रहेगा।
दण्ड- यह संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इस अधिनियम की धाराओं के नियमों के उल्लंघन पर 1 वर्ष से 3 वर्ष तक की कारावास या एक हजार रुपये से दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनो से दाण्डित किया जा सकता है। इन अपराधों की सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के मजिस्ट्रेट को होता है।
महत्वपूर्ण वाद:- प्रियदर्शी जन्तु वकर्स बनाम एफ.सी.आई. ,एवं अन्य(1996)- मजदूरों के घोर शोषण की स्थिति में न्यायालय अपनी आँखें मूद नहीं सकता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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