भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह सरकार उप चुनाव में पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बाद स्थाई रूप से काम कर रही है परंतु अभी तक शिवराज सरकार की संरचना पूरी नहीं हुई थी। आने वाले बजट सत्र में विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। इसके लिए दो नए नाम सामने आए हैं। इसी दौरान मंत्रिमंडल का विस्तार भी संभव है।
शिवराज, शर्मा और सुहास की मीटिंग में नए नामों पर विचार
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत की एक मीटिंग हो चुकी है। इसी दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक गिरीश गौतम और केदारनाथ शुक्ला के नाम पर चर्चा की गई। भाजपा में लगातार विंध्य के महत्व को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं इसलिए विधानसभा अध्यक्ष का पद विंध्य क्षेत्र को दिया जा रहा है।
नए विधानसभा अध्यक्ष का नाम कब तक फाइनल हो जाएगा
अभी कोई नाम फाइनल नहीं हुआ है फरवरी के पहले सप्ताह में नाम पर अंतिम मुहर लगाने के लिए नेता दोबारा बैठेंगे। यहां बता दें कि बजट सत्र के पहले ही दिन अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। विंध्य से श्रीनिवास तिवारी 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक मप्र के विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के साथ मंत्रिमंडल विस्तार की भी संभावना
सूत्रों का कहना है कि नए स्पीकर के बारे में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव से भी बात होगी। इस संभावना पर भी विचार हो रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का नाम तय करते समय मंत्रिमंडल की बची हुई सीटों को भी भरने के लिए नाम तय हों। इसकी पीछे बड़ी वजह यह है कि विंध्य में अध्यक्ष पद जाता है तो यहां से मंत्री पद के दावेदार राजेंद्र शुक्ला, नागेंद्र सिंह नागोद, नागेंद्र सिंह गुढ़ की राह मुश्किल हो जाएगी।