शिक्षा का माध्यम और विषय का चयन आपका मौलिक अधिकार है, क्या आप जानते हैं - indian constitution

भारत के संविधान 1950 में प्रदत्त भारत के नागरिकों के अधिकारों में एक महत्वपूर्ण अधिकार यह भी है कि 1 छात्र शिक्षा का माध्यम और विषय का चयन स्वतंत्रता पूर्वक कर सकता है। इसके लिए उस पर कोई दबाव नहीं बनाया जा सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो वह अपराधी होगा। ज्यादातर लोग नहीं जानते इसलिए शिक्षण संस्थाओं के संचालक छात्र या उसके पेरेंट्स को भ्रमित करके, अज्ञात भय दिखाकर, लालच देकर या फिर दवा बनाकर अपनी सुविधा के अनुसार शिक्षा का माध्यम और विषय का चयन करवा देते हैं। आइए जानते हैं भारतीय संविधान 1950 के किस अनुच्छेद में नागरिकों को शिक्षा का माध्यम एवं विषय चुनने का अधिकार प्राप्त है।

भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के अनुसार परिभाषा:-

एक बच्चा और उसकी ओर से उसके माता पिता या कोई संरक्षक को प्राथमिक विद्यालय स्तर पर शिक्षण का माध्यम चयन करने का अधिकार है। यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19(1) क के आधीन एक मौलिक अधिकार होगा। न की यह अधिकार अनुच्छेद 21 या 21 क के अधीन है। 

उपर्युक्त परिभाषा से स्पष्ट होता है कि कुछ व्यक्ति इस अधिकार को शिक्षा का मूल अधिकार अनुच्छेद 21क के अंतर्गत मानते थे, लेकिन शिक्षण में माध्यम या विषय चयन करने का अधिकार 19(1) क के अधीन भारतीय नागरिकों का एक मौलिक अधिकार है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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