नदी या समुद्र के प्रकाश चिन्हों को हटाना कितना गंभीर अपराध है, यहां पढ़िए - ASK IPC

रात में समुद्र हो या कोई बंदरगाह या नदी कोई भी नाविक नाव या जहाज चलाने के लिए प्रकाश चिन्हों का प्रयोग करते हैं। क्योंकि समुद्र या नदी के पानी में कोई सड़क नहीं होती है, एवं रात में बोटिंग के दौरान नाविक जल-परिवाहन में प्रकाश चिन्हों का प्रयोग करते हैं। अगर कोई व्यक्ति इन प्रकाश चिन्हों को हटाएगा, नष्ट करेगा तब ऐसा करने वाले व्यक्ति पर जानिए आईपीसी की किस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 433 की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर निम्न कृत्य करता है:-
1. किसी दीपगृह के प्रकाश चिन्ह को हटाएगा या नष्ट करेगा।
2. किसी समुद्र के प्रकाश चिन्हों को रात में हटाएगा या नष्ट करेगा।
3. किसी नदी के प्रकाश चिन्हों को हटाना या नष्ट करना।
4. किसी तटीय क्षेत्र या बंदरगाहों के प्रकाश चिन्हों को हटाना या नष्ट करना।
5.कसी बोटिंग स्थल के प्रकाश चिन्हों को नष्ट करना या हटाना।
6. या किसी नाविक या जल परिवहन को गुमराह करने के लिए झूठे प्रकाश चिन्हों को लगाना या स्थान परिवर्तन कर देना।
जिससे जल-परिवहन एवं नाविक को परेशानी उत्पन्न हो ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 433 के अंतर्गत अपराधी होगा।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 433 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं, यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- सात वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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