अक्सर लोगो के दिल में एक प्रश्न होता हैं कि कलेक्टर (DM), SDM, तहसीलदार को मजिस्ट्रेट क्यों कहा जाता है और कौन से मामले को लेकर हम इनके पास जाए। आज के लेख मे हम आपको संक्षिप्त रूप में एवं सरल शब्दों में इसकी सामान्य जानकारी देंगे। जानने वाली बात यह है कि न्यायालय दो प्रकार के होते हैं - 1. जिला न्यायालय 2.सत्र न्यायालय। किसी- किसी जिले में ये दोनों न्यायालय साथ में ही होते हैं, जिसे हम जिला एवं सत्र न्यायालय कहते है। पर आज हम आपको सिर्फ जिला मजिस्ट्रेट के प्रकार के बारे मे बताएगे।
जानिए मजिस्ट्रेट के दो प्रकार:-
1. कार्यपालक मजिस्ट्रेट:- वह मजिस्ट्रेट जो शासन की कानून व्यवस्था,लोक व्यवस्था, भूमि की सुरक्षा,लोक-शांति,अवैध-उत्खनन व्यक्ति की आँचल संपत्ति आदि की सुरक्षा करते हैं एवं इनकी सुरक्षा के लिए आदेश लागू करते हैं। एवं कोई अपराध होने से पहले उसे रोक सके वह कार्यपालक मजिस्ट्रेट होते हैं।
जिला स्तर पर सरकार जिला मजिस्ट्रेट अर्थात DM को पावर देती हैं। एवं तहसील या विकासखण्ड स्तर पर SDM को पावर होता है। SDM छोटे कस्बो के लिए तहसीलदार को पावर दे सकता है।
जिला स्तर पर कलेक्टर या किसी IAS ऑफिसर को DM का पावर होता है। जिसे जिला दण्डियाधिकारी कहते हैं।
तहसील स्तर या विकासखंड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी जो डिप्टी कलेक्टर रेंज का उसे SDM कहते हैं। इनके अधीन तहसीलदार काम करते हैं।
2. न्यायिक मजिस्ट्रेट:- न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला न्यायालय में कार्य करते हैं और इनको कानूनी पावर होता है, यह किसी अपराध को घटित होने के बाद दण्ड देने का काम, किसी आरोप का विचारण करना, आरोपों को दोषसिद्धि एवं दोषमुक्त करना, न्यायिक जांच करवाना,आरोपी को जमानत देना या खारिज करना आदि कार्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के होते हैं। इनको हम जिला एवं सत्र न्यायाधीश कहते हैं।
(नोट यह जानकारी सिर्फ सामान्य तौर के लिए है सम्पूर्ण जानकारी एवं DM एवं जिला न्यायाधीश के कौन कौन से पावर होते हैं इसके लिए CRPC की धाराओं के बारे में जानकारी देंगे) :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख
कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी