क्या पुलिस के अलावा मजिस्ट्रेट भी किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है, जानिए CRPC

आरोपियों या अपराधियों को गिरफ्तार करना एवं न्यायालय में पेश करके उन्हें जेल दाखिल करना पुलिस का काम है। न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट भी किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को आदेश देते हैं परंतु कुछ विशेष परिस्थितियां ऐसी होती है जब एक मजिस्ट्रेट को यह अधिकार होता है कि वह किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है।

मजिस्ट्रेट कौन होता है संक्षिप्त रूप में समझे:- 

एक सिविल अधिकारी जो कानून का प्रशासन करता है, विशेष रूप से वह जो एक अदालत का संचालन करता है एवं जो मामूली अपराधों से निपटता है और अधिक गंभीर लोगों के लिए प्रारंभिक सुनवाई करता है। वह न्यायिक मजिस्ट्रेट होता है।

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 44 की परिभाषा:-

कोई भी मजिस्ट्रेट किसी भी व्यक्ति को निम्न उपधारा के अंतर्गत गिरफ्तार कर सकता है :-
1. अगर कोई व्यक्ति मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कोई अपराध करता है तो ऐसे व्यक्ति को वह स्वयं गिरफ्तार कर सकता है या किसी को तुरंत ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने का आदेश दे सकता है। एवं उस व्यक्ति को उसी समय जेल भेजने के आदेश भी दे सकता है।
2. मजिस्ट्रेट उस वह को गिरफ्तार करने की भी शक्ति (अधिकार) रखता है,जिस व्यक्ति के बारे में संदेह है या कोई संदिग्ध व्यक्ति है। लेकिन उस समय ऐसे व्यक्ति को तुरंत जेल भेजने का अधिकार नहीं रखता है।
''यहाँ पर मजिस्ट्रेट दोनो स्तर पर व्यक्ति को बिना वारण्ट के गिरफ्तार करने का अधिकार शक्ति रखता है। या बिना वारण्ट के तुरंत किसी दूसरे को गिरफ्तार करने का आदेश भी दे सकता है।  :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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