मच्छर के भिनभिनाते ही हाथ अपने आप एक्टिव कैसे हो जाता है, यहां पढ़िए / #सरलscience

Bhopal Samachar
श्रीमती शैली शर्मा। यह तो सभी जानते हैं कि मनुष्य का शरीर जो भी क्रियाएं करता है उनके लिए आदेश उसके मस्तिष्क से आता है। किसी को देख कर मुस्कुराने की क्रिया के पीछे एक लंबी प्रक्रिया छुपी होती है। आंखें उसकी तस्वीर को मेमोरी में भेजती है, तस्वीर का मिलान किया जाता है, वेरिफिकेशन होने के बाद मस्तिष्क को बताया जाता है और मस्तिष्क चेहरे को आदेशित करता है तब कहीं जाकर आप किसी परिचित को देखकर मुस्कुराते हैं लेकिन कुछ क्रियाएं ऐसी होती हैं जिनमें यह लंबी प्रक्रिया पूरी नहीं होती। जैसे कांटा चुभ जाने पर अचानक पीछे हटना, अचानक आई पत्थर से बचने के लिए हाथ का उसके सामने आ जाना या फिर मच्छर के भिनभिनाने पर उसे मारने या बहाने के लिए हाथ का अपने आप एक्टिव हो जाना। सवाल यह है कि जब इन क्रियाओं के आदेश मस्तिष्क में नहीं आते तो फिर कहां से आते हैं। आइए जानते हैं विज्ञान की किताब में क्या लिखा है:-

सबसे पहले इसे समझिए: प्रतिवर्ती क्रिया या (Reflex action) क्या है? 

हमारे बाहरी वातावरण में होने वाले अचानक परिवर्तन या किसी उद्दीपन (stimulus) के कारण बिना सोचे समझे होने वाली प्रतिक्रिया को ही, प्रतिवर्ती क्रिया या रिफ्लेक्स एक्शन कहा जाता है। चूँकि कोई भी कार्य मस्तिष्क की अनुमति के बिना नहीं होता परंतु ये ही मात्र ऐसी क्रियाएं हैं जिनकी सूचना मस्तिष्क तक पहुंचती ही नहीं है, बल्कि मेरुरज्जु या रीड की हड्डी (spinal chord) ही उचित निर्णय लेकर आदेश दे देती है।

आइए जानते हैं यह क्रियाएं कौन-कौन सी होती हैं?

यह सभी प्रतिवर्ती क्रियाएँ किसी ना किसी तरह से हमारी रक्षा ही करती हैं। कभी-कभी यह हमें धूल, धुएं तथा विषैली गैसों से बचाने में भी मदद करती हैं। परंतु कई बार यह किसी ना किसी के लिए परेशानी का कारण भी बन जाती हैं जैसे -खर्राटे (snoring) 🥴

 प्रमुख प्रतिवर्ती क्रियाएँ

 1.खांसना (coughing) 
2. छींकना (sneezing) 
3. हिचकी लेना (Hiccup) 
4. आहें भरना (sighing)
5. सिसकना(sobbing) 
6. जम्हाई लेना (yawing)
7. हंसना (laughing)
8. रोना (weeping)
यह सभी प्रतिवर्ती क्रियाओं के ही उदाहरण है।

इसके अतिरिक्त गरम तवे पर एक बार हाथ जल जाने के बाद- हाथ का तुरंत हटना, कांटा चुभने पर पैर का पीछे हटना, सुई चुभ जाने पर हाथ का हटना, तेज धूप में से आने के बाद आंखों की पुतलियों का सिकुड़ना, घर में किसी सामान की जगह बदल देने पर बार-बार उसे उठाने के लिए पुराने स्थान पर ही हाथ का जाना आदि सभी प्रतिवर्ती क्रियाओं के ही उदाहरण है। 
लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्यप्रदेश के विदिशा में साइंस की टीचर हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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