हरतालिका तीज के नियम / Hartalika Teej Rules

हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2020) व्रत सुहागिनों के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की अराधना से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। इस साल यह व्रत 21 अगस्त को है। हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है।

हरतालिका तीज व्रत हर स्त्री के लिए बेहद खास और लाभकारी माना गया है। हालांकि कठिन नियमों के कारण इस व्रत को ज्यादा कठिन व्रत मानते हैं। जानिए इसके कुछ खास नियम-
1. अगर आप एक बार हरतालिका तीज व्रत रखती हैं तो आपको यह व्रत हर साल रखना होता है। अगर किसी कारणवश आप व्रत छोड़ना चाहती हैं तो उद्यापन के बाद किसी और को व्रत दे सकती हैं।
2.  हरतालिका तीज व्रत में महिलाएं 24 घंटे तक बिना अन्न और जल के रहती हैं। हालांकि दूसरे जगहों पर नियम अलग हो सकता है।

3. कहते हैं कि इस व्रत को केवल सुहागिनें ही रखती हैं।
4. हरतालिका तीज व्रत में माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
5. हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण करना चाहिए। रात में भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है।
6.  सुहाग की पिटारी में श्रृंगार का सामान रखकर माता पार्वती को चढ़ाना जरूरी होता है।

7. भगवान शिव को धोती और अंगोछा अर्पित किया जाता है। पूजा के बाद सुहाग की साम्रगी को मंदिर के पुरोहित या गरीब को दान करने का चलन है।
8. अगले दिन शिव-पार्वती की पूजा करने और प्रसाद बांटने के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है। हालांकि स्वास्थ्य खराब होने पर ऐसे कठिन नियमों के पालन में सख्ती नहीं करनी चाहिए।

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