हटाए गए मंत्रियों के विभाग बांटे, जीतू पटवारी सहित चार मंत्री अभी भी बेंगलुरु में | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन द्वारा हटाए गए छह मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वर्तमान कैबिनेट के मंत्रियों के बीच हटाए गए मंत्रियों के विभाग बांध दिए हैं। बेंगलुरु से खबर आ रही है कि पुलिस हिरासत से मुक्त होने के बाद मंत्री जीतू पटवारी सहित चार मंत्री अभी भी बेंगलुरु में है। 

किस मंत्री को कौन सा नया विभाग मिला

राज्यपाल ने बेंगलुरु से इस्तीफा भेजने वाले 6 मंत्रियों को राज्यपाल ने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है। सुबह राज्यपाल से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री ने इसकी सिफारिश की थी। कैबिनेट से बर्खास्त किए गए छह मंत्रियों के विभागों का जिम्मा अन्य मंत्रियों को दिया गया है। विजयलक्ष्मी साधौ को महिला बाल विकास, डॉक्टर गोविंद सिंह को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, ब्रजेंद्र सिंह राठौर को परिवहन, सुखदेव पांसे को श्रम, जीतू पटवारी को राजस्व, कमलेश्वर पटेल को स्कूली शिक्षा और तरुण भनोट को स्वास्थ्य विभाग दिया गया है।

इन विधायकों को भोपाल पहुंचना था

सिंधिया गुट के विधायकों में से पहले प्लेन में भाजपा सांसद रमाकांत भार्गव और विधायक अरविंद भदोरिया के साथ कांग्रेस विधायक सुरेश धाकड़, जसवंत जाटव, इमरती देवी, मनोज चौधरी, एंदल सिंह कंषाना, रक्षा सिरोनिया को आना था। विधायकों के अलावा इस प्लेन में पुनीत शर्मा और मोहन सिंह भी सवार थे। दूसरे प्लेन में भाजपा नेता उमाशंकर गुप्ता के साथ कांग्रेस विधायक तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसोदिया, कमलेश जाटव वापस लौटने वाले थे। वहीं विधायक रक्षा सिरोनिया के पति संतराम भी इसी प्लेन से आ रहे थे।

जीतू पटवारी और लाखन सिंह अभी भी बेंगलुरु में

बेंगलुरु के जिस रिसॉर्ट के बाहर गुरुवार दोपहर मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ एक नाटकीय घटनाक्रम का वीडियो सामने आया। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। पटवारी और लाखन सिंह समेत मध्य प्रदेश के 4 मंत्री अभी बेंगलुरु में हैं। उन्होंने विधायकों को रिसॉर्ट में रखे जाने के को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार के साथ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा विधायकों को बंधक बनाए जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।

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