निधि निवेदिता आईएएस के थप्पड़ कांड की जांच विशेष कमेटी करेगी | MP NEWS

भाेपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की कलेक्टर निधि निवेदिता द्वारा एक पुलिस अधिकारी और भाजपा नेताओं के साथ की गई मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक विशेष कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी 3 दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी। इससे पहले राजगढ़ एसडीओपी की जांच में कलेक्टर निधि निवेदिता पुलिस अधिकारी के साथ अभद्रता एवं मारपीट के लिए दोषी पाई गई थी। डीजीपी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।

राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विशेष कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है। ऐसा इसलिए किया गया, क्याेंकि राज्य सरकार के पास थप्पड़ कांड की दाे अलग-अलग रिपाेर्ट पहुंची हैं। पहली रिपाेर्ट पुलिस की है। डीएसपी की इस जांच रिपाेर्ट में कलेक्टर का एएसआई काे थप्पड़ मारना प्रमाणित पाया गया है। जबकि राजगढ़ जिला प्रशासन की ओर से भेजी गई एडीएम की जांच रिपाेर्ट में थप्पड़ का जिक्र ही नहीं है।

जांच सिर्फ एएसआई थप्पड़ कांड की

कमेटी में आईएएस अफसरों में मोहम्मद सुलेमान या संजय दुबे हो सकते हैं, वहीं आईपीएस अफसरों में पवन जैन या अरुणा मोहन राव में से कोई एक को शामिल किया जाएगा। कमेटी सिर्फ एएसआई के थप्पड़ कांड की ही जांच करेगी।  

गृह विभाग ने डीएसपी राजगढ़ की जांच को अवैधानिक बताया

डीएसपी की जिस जांच रिपोर्ट का हवाला देकर डीजीपी वीके सिंह ने कलेक्टर पर कार्रवाई के लिए गृह विभाग को पत्र लिखा था, उस रिपोर्ट को गृह विभाग ने नकार दिया है। विभाग की ओर से शासन को नोटशीट लिख दी गई है कि यह जांच अवैधानिक है। लिहाजा कार्रवाई का सवाल ही नहीं बनता। गृह विभाग की ओर से भेजी गई फाइल में पीड़ित पुलिसकर्मी एएसआई और ड्राइवर का पत्र भी है, जिसमें थप्पड़ शब्द का जिक्र ही नहीं। ड्राइवर की ओर से बताया गया है कि ASI की शिकायत में सिर्फ झंझोड़ने शब्द का जिक्र है। इस बीच प्रशासनिक स्तर पर एडीएम की ओर से भी एक रिपोर्ट शासन को मिली है, जिसमें तहसीलदार का बयान है। तहसीलदार ने बयान में कहा है कि थप्पड़ मारने जैसी कोई घटना ही नहीं हुई। एडीएम ने मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेजी है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !