नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी के निवास (मरवाही सदन) में उनके नौकर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कर्मचारी उनके निवास की देखरेख का काम करता था। उस पर जोगी के घर में चोरी का आरोप लगा था। मृत कर्मचारी के परिजनों का कहना है कि श्री अजीत जोगी एवं उनके बेटे अमित जोगी की धमकी के कारण कर्मचारी इस कदर दहशत में आया कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने अजीत जोगी एवं अमित जोगी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रताड़ित करने का मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोनी क्षेत्र के रमतला निवासी कर्मचारी मनवा उर्फ संतोष कौशिक (30) पिता पुसऊ ने बुधवार की शाम चार से पांच बजे के बीच फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद घटना स्थल पहुंचे मृतक के भाई कृष्णकुमार यादव सहित परिजनों ने आरोप लगाया कि बंगले के मालिकों ने उसे जेल भेजने की धमकी देकर डराया-धमकाया । इस वजह से उसके भाई को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
पुलिस इस मामले में मर्ग कायम कर जांच कर रही थी। दूसरे दिन गुरूवार 16 जनवरी को लाश सड़क पर रखकर ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। इस बीच शार्ट पीएम रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि संतोष की मौत फांसी लगाने से हुई है। इससे पुलिस ने राहत की सांस ली थी।
परिजनों के द्वारा जोगी परिवार पर लगाए गए आरोप के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी पर भादवि की धारा 306, 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है। कृष्णकुमार ने अपने भाई की मौत के लिए जोगी को जिम्मेदार ठहराया है।
सिविल लाइन टीआइ कलीम खान ने आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की पुष्टि की है। पुलिस मामले की शूक्ष्म जांच कर रही है। इस घटना से एक बार फिर जोगी की मुसीबतें बढ़ गई है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो अजीत जोगी और बेटे अमित जोगी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होने से इस पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी होने लगी है।