जबलपुर। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन और विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की घटनाएं लगातार हो रही है। जबलपुर पुलिस दोनों पक्षों के मुट्ठी भर नेताओं को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हो रही है। गुरुवार को एक बार फिर पथराव हुआ। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके प्रदर्शनकारियों को भगा दिया लेकिन जबलपुर कलेक्टर दृढ़ता पूर्वक या कहने की स्थिति में नहीं है कि जबलपुर में हालात सामान्य हैं।
कमलनाथ कैबिनेट के मंत्री प्रदर्शनकारियों से मिलने आए थे, लॉटरी पथराव हो गया
रद्दीचौकी के समीप स्थित गाजीबाग में धरने पर बैठीं महिलाओं से मिलने के लिए सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री महोदय को ज्ञापन सौंपा। मंत्री घनघोरिया ने भी मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास यह मांग रखने की बात कहते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। महिलाएं घर जाने की तैयारी करने लगीं तभी कुछ महिलाओं ने विरोध कर दिया। इसके अलावा सड़क पर एकत्रित युवकों की भीड़ भी धरना की मांग करने लगी। आखिर में सभी ने धरने में बैठने का निर्णय लिया।
मंत्री लखन घनघोरिया के लौटते ही पथराव शुरू हो गया
सड़क पर धरने में बैठे युवकों के कारण रास्ता जाम हो गया था। पुलिस ने रास्ता खोलने के लिए जब युवकों को उठाने की कोशिश की तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। पुलिस की जोर-जबरदस्ती करने पर युवकों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई। पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पहले आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। बाद में तनाव बढ़ता देख पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज भी किया। सवाल यह है कि 10 दिन से लगातार तनाव क्यों बना हुआ है। यह मध्य प्रदेश की संस्कृति नहीं है। मध्यप्रदेश में इस तरह के प्रदर्शनों पर कड़ी कार्रवाई की जाती रही है। पहली बार प्रशासन का नरम रुख कानून और व्यवस्था की स्थिति को गंभीर बना रहा है।