भोपाल। यदि आप लूट का शिकार हो जाएं तो कहां जाएंगे, सरल सा जवाब है; पुलिस के पास। यदि यदि पुलिस वाले खुद ही गिरोह बनाकर लूटपाट करने लगें तब! मध्यप्रदेश के मंदसौर में कुछ ऐसा ही हुआ है। यदि आरोपों को सही मानें तो सब इंस्पेक्टर गोपाल गुणावद ने 3 आरक्षकों को मिलाकर एक गिरोह बना लिया। यह गिरोह लोगों का भरे बाजार से अपहरण करता और लूटने के बाद शहर के बाहर छोड़ देता। रतलाम के सर्राफा व्यापारी उमराव सिंह मूणत के साथ भी ऐसा ही किया। वारदात को वर्दी में अंजाम दिया गया तो ना जनता ने कोई आपत्ति उठाई और ना ही व्यापारी ने विरोध किया। सब समझे पुलिस ने हिरासत में लिया है, परंतु असल में वो अपहरण था।
रतलाम निवासी सर्राफा व्यापारी उमराव सिंह मूणत ने एसपी हितेश चौधरी से शिकायत की थी कि गुरुवार को रेलवे स्टेशन के बाहर भाटी भजिए वाले के पास से दो पुलिसकर्मी आए और उसे हिरासत में ले लिया फिर बाइक पर बिठाकर ले गए। पुलिस पेट्रोल पंप के पास पहुंचकर दोनों ने बाइक वहीं छोड़ दी और वहां से एक कार में बैठ गए। सर्राफा व्यापारी उमराव सिंह मूणत के अनुसार जब उसने पूछा कि उसे कहां ले जाया जा रहा है तो बताया गया कि इनकम टैक्स विभाग के रामटेकी कार्यालय चलना है लेकिन तीनों उसे राम टेकरी नहीं ले जाकर सीधे दलोदा की ओर ले गए। इसके बाद दोनों पुलिस वालों ने उसके पास मौजूद 111 ग्राम सोना ले लिया और दलोदा में उतर गए। तीसरे युवक ने सर्राफा व्यापारी उमराव सिंह मूणत को माननेखेड़ा टोल के पहले उतार दिया। इससे पहले उन्होंने मोाबाइल से सिम निकालकर फेंक दी थी ताकि किसी को सूचित ना कर पाऊं।
सीसीटीवी कैमरा देखा तो सचमुच पुलिस कर्मचारी ही निकले
एसपी हितेश चौधरी सहित सभी अधिकारियों को विश्वास था कि यह कोई नया गिरोह एक्टिव हुआ है जो पुलिस की वर्दी में लूट कर रहा है परंतु जब गिरोह को पहचानने के लिए सीसीटीवी फुटेज देखे तो दोनों वर्दीधारी लुूटेरे कोतवाली थाने में पदस्थ युवराज सिंह और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर निकले। पूछताछ में पुलिस को धर्मेंद्र ने बताया है कि एसआई गोपाल गुणावद ने संदिग्ध व्यक्ति होने के कारण लाने की कहा था। इन्होंने घटनाक्रम भी बताया है। तीसरा नाम गौरव सिंह का भी आया है। जो लाइन में पदस्थ है। ये लोग व्यापारी को बिना नंबर के कार से ले गए थे।
सभी चारों आरोपियों को सस्पेंड किया लेकिन एफआईआर में नामजद नहीं किया
मंदसौर एसपी हितेश चौधरी ने कहा कि मामले में सब इंस्पेक्टर गोपाल गुणावद के साथ आरक्षक गौरव सिंह, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर और युवराज सिंह को सस्पेंड किया है। मामले की जांच की जा रही है। अभी एफआईआर अज्ञात के खिलाफ की गई है।