भोपाल। माननीय मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर ने अपने महत्वपूर्ण फैसले से पेंशनरों को लंबित छठे वेतनमान के 32 माह के एरियर का 6% ब्याज सहित भुगतान के आदेश पारित किए है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष श्री प्रमोद तिवारी एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने उक्त फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि दिनांक 01 जनवरी 2006 के पूर्व के पेंशनरों को 01/01/2006 से 31/08/2006 कुल 32 माह की अवधि का छठे वेतनमान का एरियर के लिए मप्र शासन द्वारा विगत 14 वर्षों से उपेक्षा की जा रही थी।
व्यथित पेंशनरों में से सेवानिवृत प्राध्यापक संघ (उच्च शिक्षा), डाॅ अरूण कुमार श्रीवास्तव एवं अन्य, कृष्ण शंकर पागे, राव साहब पेंथर ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अलग-अलग याचिकाएं क्रमशः डब्ल्यू पी क्र•18811/2013, 3519/2015, 16817/2016 व 19268/2016 दायर की थी। सभी याचिकाओं का एक साथ निराकरण करते हुए विद्वान न्यायधीश माननीय श्रीमान संजय द्विवेदी साहब ने दिनांक 18/12/2019 को अपने 13 पृष्ठ के फैसले के साथ आदेश पारित कर निर्देश दिये है कि दिनांक 01/01/2006 से 31/08/2008 कुल 32 माह का एरियर 6% ब्याज सहित छ: माह में भुगतान किया जावे।
इससे प्रदेश के पेंशनरों में मार्ग प्रशस्त होकर उम्मीद जगी है। "मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ" प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री माननीय श्री कमलनाथ जी से मांग करता है कि न्यायालयीन फैसले को दृष्टिगत रखते हुए सामान्य आदेश जारी कर दिनांक 01/01/2006 एवं 01/01/216 से पूर्व के पेंशनरों को छठे एवं सातवें वेतनमान से उत्पन्न लंबित देय एरियर का भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ कर न्याय प्रदान किया जावे। पूर्व शासन की उपेक्षा के चलते उक्त स्थिति निर्मित हुई थी। अब कोताही बरती गई तो इसी आधार पर प्रदेश के पेंशनरों द्वारा माननीय न्यायालय में बड़ी संख्या में याचिकाएं दायर की जायेगी परिणाम स्वरूप ब्याज सहित भुगतान करना होगा जो महंगा साबित होगा।