नई दिल्ली। हरियाणा में भाजपा के रणनीतिकार सरकार बनाने के नजदीक तो आ गए लेकिन अपने ही नेताओं की निंदा का शिकार भी हो रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने इस मामले में पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने गोपाल कांडा के समर्थन का कड़ा विरोध किया है। उमा भारती के अलावा भाजपा के सभी नेता नाराज हैं जिन्होंने कांडा के खिलाफ घर-घर अभियान में भाग लिया था।
मामला क्या है
सन 2012 में एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में उसने आत्महत्या के लिए गोपाल कांडा और उसके साथी को जिम्मेदार बताया था। उस समय गोपाल कांडा हुड्डा सरकार में मंत्री थे। भाजपा ने इसे राष्ट्रव्यापी मुद्दा बना दिया था। भाजपा ने गोपाल कांडा को मंत्रिमंडल से बाहर करने के लिए देशभर में घर-घर अभियान चलाया था। भाजपा के अभियान का नतीजा था कि गोपाल कांडा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अब उसी गोपाल कांडा से समर्थन लेकर भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है।
उमा भारती ने क्या कहा
उमा भारती ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा है कि मुझे जानकारी मिली है कि गोपाल कांडा नाम के एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी हमें मिल सकता है। इसी पर मुझे कुछ कहना है। बीजेपी नेता ने कहा कि अगर गोपाल कांडा वही व्यक्ति है जिसकी वजह से एक लड़की ने आत्महत्या भी की थी तथा यह व्यक्ति जमानत पर बाहर है। गोपाल कांडा बेकसूर है या अपराधी, यह तो कानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा लेकिन उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता। चुनाव जीतने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं।
उमा भारती ने कहा है, 'मैं बीजेपी से अनुरोध करूंगी कि हम अपने नैतिक अधिष्ठान को न भूलें।' उन्होंने कहा, 'हरियाणा में हमारी सरकार जरूर बने, लेकिन यह तय करिए कि जैसे बीजेपी के कार्यकर्ता साफ-सुथरी जिंदगी के होते हैं, हमारे साथ वैसे ही लोग हों।'
बीजेपी के लिए पवित्र हो गए कांडा-कांग्रेस
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी गोपाल कांडा के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा है। गोपाल कांडा को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान देख रहा था, और आज उसी कांडा से समर्थन ले रहे हैं जिसे कांग्रेस सरकार ने न सिर्फ सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया था। कांडा के खिलाफ केस दर्ज है लेकिन आज वो पवित्र हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हरियाणा में शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया, जहां दो को छोड़कर उसके सभी मंत्री चुनाव हार गए। बीजेपी को निर्णायक रूप से खारिज कर दिया गया है और हरियाणा में फिर से आया राम गया राजनीति का गवाह बन रहा है।